भगवान भोलेनाथ पहुंचे पेशी पर, तहसील के बहार भगवान को करना पड़ा वेट, मिली पेशी की अगली तारीख…

रायगढ़। रायगढ़ तहसील न्यायालय में पेशी पर भगवान भोलेनाथ पहुंचे. भगवान शंकर हमारे लिए आस्था का विषय हो सकते हैं, लेकिन राजस्व अधिकारी के लिए मात्र प्रतिवादी। कुछ दिनों पहले रायगढ़ के राजस्व अधिकारियों ने जहां शंकर भगवान को कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस दिया था। तो अब नोटिस की तामिली के बाद कोर्ट में हाजिर होने शिवलिंग को ही उखाड़ कर तहसील कार्यालय में लाया गया है. अब शायद उनकी भी पेशी हो बताया जा रहा है।
आज शंकर भगवान की पेशी थी. ऐसे में भगवान साक्षात तो नहीं आ सकते, लिहाजा अधिकारियों के आदेश पर शंकर भगवान के शिवलिंग को उखाड़कर तहसील प्रांगण में लाया गया है। दरअसल, हाईकोर्ट में कुछ दिनों पहले अवैध कब्जे को लेकर याचिका लगाई गई थी। जिसके बाद प्रशासन ने नोटिस जारी किया था। रायगढ़ शहर के कौवाकुंडा स्थित शिव मंदिर को अवैध कब्जे की शिकायत की नोटिस दी गई थी। नोटिस भगवान शंकर के नाम से था। इसलिए यह प्रकरण काफी सुर्खियों में रहा। लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि भगवान शंकर को उखाड़ कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। हालांकि इसका विरोध अब तक कहीं से नहीं हो पाया है। लेकिन प्रशासन की इस हरकत से लोग सकते में है।
जैसी ही लोग भगवान को लेकर पहुंचे तो अधिकारियों तहसील कार्यालय से नदारद होने लगे और साथ ही तत्काल वहां अगले 13 अप्रैल तारीख के पेशी की नोटिस चस्पा कर दी गई। अब देखना लाजमी होगा कि 13 तारीख को फिर से भगवान भोलेनाथ अपनी पेशी में उपस्थित होते हैं कि नहीं।
दरअसल, नजूल भूमि पर अवैध कब्जा को लेकर तहसील न्यायालय ने नोटिस भेजा था। तहसीलदार के नोटिस में बताया गया था कि छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा के तहत सरकारी जमीन का कब्जा अपराध की श्रेणी में आता है. इसके लिए आपको 10 हजार रुपए जुर्माना और कब्जा भूमि से बेदखल किया जा सकता है. भोलेनाथ सहित सभी को 25 मार्च को अवैध कब्जे के प्रकरण में पेश होने का समय निर्धारित किया गया है. इस दौरान जमीन पर किसी भी तरह के निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया है.