चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन के चलते सितंबर 2020 में शिअद ने भाजपा से किनारा कर लिया था। इसके बाद शिअद दूसरे दल से राजनीतिक गठबंधन पर विचार कर रहा था। पंजाब में दलितों का करीब 34 फीसदी वोट बैंक है और शिअद के प्रधान सुखबीर सिंह बादल चुनाव जीतने के बाद दलित समुदाय से डिप्टी सीएम बनाने का एलान कर चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से शिअद और बसपा के नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर बैठकों का दौर चल रहा था। अब दोनों दलों के बीच गठबंधन हो गया है।
पंजाब की राजनीति के पुराने खिलाड़ी शिरोमणि अकाली दल को बहुजन समाज पार्टी के रूप में एक नया साथी मिल गया है। भाजपा से गठबंधन तोड़ चुकी शिअद और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन पर चंडीगढ़ पहुंचे बसपा राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा अंतिम मुहर लगा चुके हैं। शनिवार को शिअद मुख्यालय में इस बाबत कोर कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। इममें भी सतीश चंद्र मिश्रा मौजूद रहे।
इसके बाद अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल ने प्रेस कांफ्रेंस में शिअद-बसपा गठबंधन की घोषणा की और इसे पंजाब की राजनीति का नया दिन बताया।उन्होंने कहा कि पंजाब की सियासत में यह गठबंधन बड़ा मोड़ साबित होगा। 2022 के बाद भी जितने चुनाव होंगे शिअद, बसपा के साथ लड़ेगी। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर पेच फंसा हुआ था। शिअद, बसपा को 117 में से 18 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रहा था, जबकि बसपा 37 से 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही थी।