रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस वक्त झीरम घाटी कांड को लेकर सियासत गरमाई हुई है. राजनितिक पार्टियों का आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. यह मामला तब से गरमाय जब झीरम की रिपोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग ने राज्यपाल को सौंपी। वहीं आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्षी पार्टी बीजेपी के बयान पर पलटवार किया है.
सीएम बघेल ने कहा जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग ने जांच पूरी करने के लिए राज्य सरकार से और वक्त की मांग की थी। लेकिन राज्य सरकार ने इसके लिए मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग के सचिव ने आयोग के कार्यकाल बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा था। लेकिन राज्य सरकार ने नहीं बढ़ाया। इसका मतलब है कि आयोग का कार्यकाल समाप्त हो गया है और जो रिपोर्ट उन्होंने राज्यपाल को सौंपी है, वह अधूरी है। आज तक जितने भी आयोग की रिपोर्ट आई है। वह राज्य सरकार के पास आई है। ये नई परिपाटी चला रहे हैं।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा भाजपा परिपाटी के हिसाब से नई परंपरा चला रही है, जो प्रजातंत्र है वह संविधान के हिसाब से चलता है। राज्यपाल आखिर क्या करेगी ?….. राज्यपाल राज्य सरकार को ही सौंपेगी न …. कि वहीं रखे रहेंगी। राज्यपाल अपनी टिप्पणी के साथ राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपे, ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। आयोग की रिपोर्ट राज्य सरकार सौंपती है और एक्शन रिपोर्ट के साथ विधानसभा में प्रस्तुत किया जाता है। जब तक इसमें कोई दूसरा अध्यन नहीं कर सकता। कोई कुछ बोल नहीं सकता। यह गोपनीय है और जो संपत्ति विधानसभा की है, जिसे वहां प्रस्तुत किया जाना है, उसे बाहर खोला जा सकता है?
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 25 मई 2013 को हुए झीरम घाटी हमले में कांग्रेस पार्टी के नेताओं की जान चली गई थी.