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मनी लॉण्ड्रिग मामले में ईडी के सामने पेश हुए राबर्ट वाड्रा, चार घंटे तक चली पूछताछ

नई दिल्ली : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे संप्रग अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने उसके दफ्तर पहुंचे. दोपहर करीब पौने चार बजे रॉबर्ट ईडी दफ्तर पहुंचे, जहां उनके साथ प्रियंका गांधी भी गईं. हालांकि बाद में वह उनको छोड़कर चली गईं. इस दौरान जांच एजेंसी के दफ्तर के बाहर मीडिया का भारी जमावड़ा रहा. यह मामला कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से विदेशों में संपत्तियां रखने से संबंधित है. जानकारी के मुताबिक, लंदन में 12 ब्रायनस्टन स्कावयर पर 19 लाख पाउंड की संपत्ति की खरीद में कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबंधित है.

वाड्रा ने इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली की अदालत की दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने उन्हें निर्देश दिया था कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच में सहयोग करें. दिल्ली की एक अदालत ने वाड्रा को 16 फरवरी तक अंतरिम जमानत दी थी. अदालन ने उन्हें निर्देश दिया है कि वह छह फरवरी को स्वयं उपस्थित होकर जांच में शामिल हों. अदालत ने एक लाख रूपये के मुचलके और इतनी ही राशि की निजी जमानत पर वाड्रा को अंतरिम जमानत दी थी.

वाड्रा के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि वह 6 फरवरी को लंदन से दिल्ली लौटे हैं और जांच में शामिल होंगे. अधिवक्ता के आश्वासन पर संज्ञान लेते हुए विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने छह फरवरी को विदेश से लौटने के बाद वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.

अधिवक्ता नितेश राणा ने वाड्रा की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध

सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से अदालत में पेश हुए विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह और अधिवक्ता नितेश राणा ने वाड्रा की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया और दावा किया कि 2009 में एक पेट्रोलियम सौदे में उन्होंने रिश्वत ली थी. जांच एजेंसी ने कहा कि उन्हें लंदन में कई नई संपत्तियों की सूचना मिली है जिसके मालिक वाड्रा हैं. इसमें दो घर, छह अन्य फ्लैट और अन्य संपत्ति शामिल है. दोनो घरों की कीमत 50 लाख और 40 लाख है.

इससे पहले रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) ने राजस्थान के बीकानेर में एक भूमि सौदे के संदर्भ में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से समन किए जाने के बाद केंद्र सरकार पर राजनीति रूप से पीछे पड़ने और सरकारी विभागों के जरिए उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया. वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट में समन को ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ कदम करार देते हुए कहा, ‘मैंने पिछले साढ़े चार वर्षों में पूरा सहयोग किया है. मैं यह करता रहूंगा.’ उन्होंने सरकार पर राजनीतिक रूप से पीछे पड़ने और सरकारी विभागों के जरिये उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया था.

बीजेपी ने साधा निशाना

इससे पहले बीजेपी ने बुधवार को प्रियंका गांधी वाड्रा के पति राबर्ट वाड्रा को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के समन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव भ्रष्ट लोगों के ‘‘गैंग (गिरोह)’’ और नरेन्द्र मोदी की पारदर्शी सरकार के बीच है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि वाड्रा को यूपीए सरकार के सत्ता में रहते हुए 2008-09 में पेट्रोलियम और रक्षा सौदों में लाभ मिला .उन्होंने संवाददाताओं के समक्ष दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के रिश्तेदार वाड्रा ने इस धन का उपयोग लंदन में करोड़ों रुपए की संपत्ति खरीदने में किया.

बीजेपी प्रवक्ता ने ईमेल का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि वाड्रा की कंपनी को ऐसी अनेक कंपनियों से रिश्वत मिली जिन्हें कालेधन को सफेद करने के लिये बनाया गया था . उन्होंने कहा, ‘‘ 2019 का चुनाव भ्रष्ट लोगों के गैंग और नरेन्द्र मोदी की पारदर्शी सरकार के बीच है. ’’ संबित पात्रा ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी को बताना चाहिए कि एक रोड पति अचानक करोड़पति कैसे बन गया? कंपनी खोलने के दौरान रॉबर्ट वाड्रा के पास 1 लाख रुपये भी नहीं थे, लेकिन अब वह करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. पोस्टर हटाने से पाप कम नहीं होते हैं.’

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