सर्दियों में बढ़ जाती हैं सड़क दुर्घटनाएं, कोहरे में ड्राइविंग करते समय इन बातों का रखे ध्यान…
सर्दियों में सड़क हादसे बढ़ने की एक बड़ी वजह धुंध और कोहरा है, जिसमें विजिबिलिटी बेहद कम होती है। इसके कारण ड्राइवर को आगे चल रहे वाहन कुछ मीटर के बाद नजर नहीं आते हैं, जो एक्सीडेंट की वजह बनते हैं।
खासकर उत्तर भारत के कुछ राज्यों में दिसंबर और जनवरी के महीने में घना कोहरा पड़ता है, जिसमें विजिबिलिटी जीरो तक पहुंच जाती है। ऐसे में आए दिन सड़क हादसों की खबरें सामने आती हैं। इसके अलावा कई अन्य कारण भी हैं।
कड़कड़ाती ठंड में कोई भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहता है। हालांकि, कुछ लोगों को ऑफिस जाने या अपने जरूरी कामों की वजह से हर रोज कई किलोमीटर ड्राइविंग करनी पड़ती है। ऐसे में घने कोहरे और फिसलन भरी सड़कों पर वाहन चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है।
ठंड में हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं। साथ ही ठंडा मौसम आपकी कार को भी प्रभावित करता है। इसलिए इस मौसम में ड्राइविंग करते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। खासकर जब आप किसी हाइवे, एक्सप्रेस–वे या सिग्नल फ्री रोड से गुजर रहे हैं
ऐसे बरते सावधानी
नेशनल हाईवे पर दो-पहिया, चार पहिया या बड़े वाहनों के अनुसार ड्राइविंग लेन निर्धारित होती हैं। कोहरे के समय विजिबिलिटी कम होने पर इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। वाहनों के निर्धारित लेन में चलने से दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए हमेशा अपनी ही लेन में गाड़ी चलाएं। इससे न सिर्फ आप सेफ ड्राइविंग कर सकते हैं, बल्कि अन्य वाहन चालकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं।
कोहरे के समय गाड़ी की हेडलाइट लो-बीम पर रखनी चाहिए। लो-बीम हेडलाइट्स वाहन के सामने 50 से 75 मीटर के बीच रोशनी देने में मदद करती हैं। वहीं हाई-बीम पर लाइट फैल जाती है, जिससे कोहरे में सामने कुछ भी दिखाई नहीं देता है।
कोहरे में जल्दबाजी दिखाना ठीक नहीं है। इसलिए अपनी लेन में ही चलें। दूसरे वाहनों को ओवरटेक करने की कोशिश न करें।
घने कोहरे के समय आगे चल रही गाड़ियों से सामान्य से ज्यादा दूरी बनाकर रखें, जिससे सामने चल रही गाड़ी के अचानक ब्रेक लगाने पर आपको संभलने का पर्याप्त मौका मिल सके। कई बार इसकी वजह से भी एक्सीडेंट हो जाते हैं।
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