रायपुर। राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के नवनियुक्त संचालक राजेश सिंह राणा ने न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के तहत प्रदेश के एक तिहाई असाक्षरों को साक्षर करने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस कार्ययोजना के माध्यम से बुनियादी साक्षरता और अंक ज्ञान के साथ असाक्षरों का कौशल विकास, जीवन कौशल, वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, सतत शिक्षा और बुनियादी शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा।
श्री राणा ने कहा है कि असाक्षरों के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार करने एससीआरटी में 28 अक्टूबर से कार्यशाला का आयोजन भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अब स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क प्रौढ़ शिक्षा के लिए बनाया जाएगा, जिसमें आगामी 10 वर्ष की कार्य योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को पढ़ना-लिखना अभियान अंतर्गत महापरीक्षा अभियान में शामिल लगभग दो लाख शिक्षार्थियों के डाटा सीजी स्कूल डॉट इन पोर्टल में 3 दिन के भीतर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए। श्री राणा ने बताया कि पढ़ना-लिखना अभियान के सफल शिक्षार्थियों को एनआईओएस नई दिल्ली द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इसके लिए एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अधिकारियों को दिए।
गौरतलब है कि राजेश सिंह राणा ने आज 25 अक्टूबर को राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक का पदभार ग्रहण किया और इसके बाद उन्होंने मिशन प्राधिकरण के अधिकारियों की बैठक लेकर साक्षरता कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए। श्री राणा के पदभार ग्रहण के अवसर पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत पांडे, दिनेश टॉक, परियोजना सलाहकार निधि अग्रवाल, और नेहा शुक्ला, यूनिसेफ सलाहकार डॉ. मनीष वत्स और विकास भदोरिया सहित कर्मचारियों ने श्री राणा से सौजन्य भेंट कर उनका स्वागत किया।