
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती युवती की अबॉर्शन की अनुमति की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर CMHO से मेडिकल रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस पी सेम कोशी ने दुष्कर्म पीड़िता की जांच के लिए टीम गठित कर चार जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
मामला महासमुंद जिले का है। युवती को शादी का झांसा देकर युवक ने दुष्कर्म किया, जिसके चलते वह गर्भवती हो गई। इसके बाद युवक ने उसका साथ छोड़ दिया है। युवती बिन ब्याही मां नहीं बनना चाहती। युवती ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि बसना थाना क्षेत्र में रहने वाले गुणसागर पसायत ने उसे पहले धोखे से प्यार में फंसाया। इसके बाद शादी करने का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। लेकिन युवक का साथ छोड़ने के बाद युवती परेशान थी। जिसके बाद वह पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने पहुंची। पुलिस ने उसकी रिपोर्ट पर 23 मई को आरोपी युवक के खिलाफ दुष्कर्म के साथ ही एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया। इधर, दुष्कर्म से पीड़िता अपना अबॉर्शन कराने के लिए भटकती रही। गर्भपात कराने के लिए वह जहां भी गई वहां, नियमों का हवाला देकर गर्भपात करने से इंकार कर दिया गया।
याचिकाकर्ता युवती ने कोर्ट से आग्रह किया है कि वह बिन ब्याही मां बनना नहीं चाहती। इसलिए अबॉर्शन कराना चाहती है। याचिका में कानूनी तर्कों के साथ ही हाईकोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया गया है। युवती का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि अबॉर्शन के पहले गर्भ की डॉक्टर जांच करेंगे। कोर्ट ने युवती को 30 जून को महासमुंद के CMHO के पास जाने का आदेश दिया है। साथ ही CMHO को निर्देशित किया है कि वे विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाकर युवती की जांच कराएं और 4 जुलाई को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।