नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए केंद्रीय कैबिनेट (Central cabinet) ने राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Temple Trust) बनाने को लेकर अपनी स्वीकृति दे दी। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लोकसभा में ट्रस्ट का नाम ”श्री राम मंदिर तीर्थ” (“Shri Ram Temple Shrine”) बताया। प्रधानमंत्री ने अयोध्या में सरकार के द्वारा कब्जा की गई 67 एकड़ जमनी भी ट्रस्ट को देने की घोषणा की।
कब कब्जा किया गया था इस जमीन पर
घटना 1992 की बताई जा रही है। उस वक्त बाबरी मंस्जिद का विवाद हुआ था। उसके ठीक एक साल बात यानि 1993 में अयोध्या के विवादित स्थल के आसपास की तकरीबन 67 एकड़ जमीन का केंद्र सरकार ने अपने अधिग्रहण किया था। उसके बाद से ही ये जमीन केंद्र सरकार के कब्जे में थी। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस जमीन को ट्रस्ट को दे दिया।
अब ट्रस्ट के पास होगी 69.5 एकड़ जमीन
केंद्र सरकार की 67 एकड़ और 2.5 एकड़ विवादित भूमि मिलाकर 69.5 एकड़ भूमि होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि ”श्री राम मंदिर तीर्थ” ही राम मंदिर निर्माण को लेकर सारे फैसले लेगा।
कुल कितने ट्रस्टी और कौन
गृहमंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर लिखा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे। इनमें से एक सदस्य दलित समाज का होगा। ट्रस्ट की घोषणा को लेकर अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि इससे भारत की अखंडता अक्षुण रहेगी।