
जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले को आज तीन साल पूरे हो गए हैं. उस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने 350 किलो विस्फोटक से भरी SUV बस से भिड़ा दी थी. इस हमले में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे.
आतंकी आदिल अहमद डार ने ये हमला उस समय किया था, जब CRPF का काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से गुजर रहा था. पूरे काफिल में कुल 78 गाड़ियां थीं, जिनमें 2,547 जवान सवार थे. जवानों का काफिला जब पुलवामा पहुंचा, तो आतंकी ने विस्फोटक से भरी SUV बस से भिड़ा दी. इस हादसे में बस के परखच्चे उड़ गए. आपको बता दें, कश्मीर में 30 साल से जारी आतंकवाद के दौर में ये सबसे बड़ा हमला माना जाता है. इस हमले में आतंकी आदिल अहमद डाल की भी मौत हो गई थी.
इस हमले के 12 दिन बाद 26-27 फरवरी की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर जैश के आतंकी ठिकानों पर बम गिराए. इस बमबारी में 350 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे.
20 फरवरी 2019 को NIA को सौंपी गई जांच
पुलवामा हमले के 6 दिन बाद 20 फरवरी को इसकी जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंपी गई. इस हमले के करीब डेढ़ साल बाद 25 अगस्त 2020 को NIA ने 13 हजार 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. इस चार्जशीट में NIA ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) को मास्टरमाइंड बताया था.
NIA ने अपनी चार्जशीट ने अजहर समेत 19 लोगों को आरोपी बनाया था. इसमें पाकिस्तानी नागरिक असगर अल्वी, अम्मार अल्वी, फारूख मोहम्मद इस्माइल, कामरान अली और कारी यासिर थे. इनके अलावा भारतीय नागरिक आदिल अहमद डार और समीर डार का नाम भी था. इनके साथ ही शाकिर बशीर मगरे, इंशा जहां और उसे पिता पीर तारिक अहमद शाह, वैज-उल-इस्लाम, मोहम्मद अब्बास राठेर, मोहम्मद इकबाल राठेर, बिलाल अहमद कुच्चे, सज्जाद अहमद भट, मुदसिर अहमद खान और अशाक अहमद नेंगरू का नाम था.
चार्जशीट में जिन आतंकियों को आरोपी बनाया गया था, उनमें से आदिल अहमद डार, सज्जाद अहमद भट, मुदसिर अहमद खान, कारी यासिर, कामरान अली और उमर फारूक मारे जा चुके थे. 7 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. मसूद अजहर, अम्मार अल्वी और असगर अल्वी पाकिस्तान में हैं. जबकि समीर अहमद डार, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और अशाक अहमद फरार थे.
पुलवामा हमले की जैश ने ली जिमेदारी
14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद जैश ने वीडियो जारी कर इसकी जिम्मेदारी ली थी. फोरेंसिक रिपोर्ट और आईपी एड्रेस से सामने आया था कि ये वीडियो पाकिस्तान से जारी किया गया है. भारत पहले दिन से ही इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमला बता रहा था. लेकिन पाकिस्तान ने तो ये बातें मानी ही नहीं. भारत ने जब बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) की तो भी पाकिस्तान ने मानने से इनकार कर दिया कि उसकी सरजमीं पर आतंकी पल रहे हैं.
भारत ने आर्टिकल 370 (Article 370) के प्रावधान पर रोक लगाई
आपको बता दें, इस हमले के बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान के बालाकोट (Balakot) में आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था. पाकिस्तान को सबक सिखाने वाली इस कार्रवाई के बाद कश्मीर में पाकिस्तान की दखल पूरी तरह रोकने, अलगाववाद पर काबू पाने और आतंक की जड़ों पर प्रहार करने के लिए केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करते हुए आर्टिकल 370 (Article 370) के अधिकतर प्रावधान समाप्त कर दिए थे. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में भी बांट दिया.
पुलवामा हमले में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
भारत के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करते हुए कहा है, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूँ। शहीदों के परिवार के साथ संवेदनाएं और प्रार्थनाएं। पूरा देश इस आतंकी गतिविधि के खिलाफ खड़ा है। तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है, पुलवामा में सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला घृणित है। मैं इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे बहादुर सुरक्षाकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पूरा देश बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। घायल जल्दी ठीक हों।’ उन्होंने कहा, ‘पुलवामा में हमले के मद्देनजर स्थिति को लेकर मैंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह जी और अन्य शीर्ष अधिकारियों से बात की है।