गवर्नर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची राज्य सरकार, केंद्र-राज्यपाल को भेजा नोटिस, जानें क्या है मामला

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार द्वारा गवर्नर पर विधानसभा से पारित बिल लंबित रखने का आरोप लगाते हुए दायर की गई याचिका पर केंद्र सरकार और गवर्नर सचिवालय को नोटिस जारी किया है। सरकार का कहना है कि गवर्नर के आठ बिल कई महीनों से लंबित हैं। इनमें से कुछ बिल गवर्नर के पास सात महीने से लेकर दो साल तक की अवधि तक पेंडिंग पड़े हुए हैं। मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार 24 नवंबर को होनी है।
केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान विधानसभा के जरिए पारित किए गए कई सारे बिलों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं। केरल सरकार का कहना है कि गवर्नर बिलों को मंजूरी देने से रोककर देरी कर रहे हैं। वह ऐसा करके लोगों के अधिकारों को निष्प्रभावी बनाने का काम कर रहे हैं। सरकार ने बताया कि इनमें से कुछ विधेयक सात से 21 महीनों से मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। इस मामले पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल अदालत में पेश हुए। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि गवर्नर की तरफ से आठ विधेयकों को मंजूरी देने में देरी की जा रही है।