बिलासपुर। बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर अनूपपुर-शहडोल के बीच चल रहे नॉन इंटरलॉकिंग काम के दौरान रेलवे के ARM योगेंद्र सिंह भाटी ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई है। DRM ने हादसे की जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेल अधिकारी भाटी के निधन पर शोक जताया है।
अनूपपुर और शहडोल के बीच तीसरी रेल लाइन के लिए 17 जून से 26 जून तक नॉन इंटरलॉकिंग का काम चल रहा है। इसकी वजह से कई गाड़ियों को ब्लॉक दिया गया है और ट्रेनें कैंसिल हैं। गुरुवार को यहां काम के दौरान शाम करीब 7.30 अमलाई आरआरआई केबिन के पर एक पटरी पर मालगाड़ी और दूसरी पर कटनी-बिलासपुर मेमू ट्रेन आ गई। ट्रेन आता देख सभी कर्मचारी और मजदूर रेलवे लाइन के किनारे हो गए। कुछ लोग दो लाइन के बीच की खाली जगह पर खड़े थे।
ट्रेन के गुजरने के बाद लोगों ने देखा कि दोनों ट्रैक के बीच ARM भाटी रेलवे ट्रैक के किनारे खून से लथपथ घायल पड़े थे। उन्हें देखकर हड़कंप मच गया। आनन-फानन में उन्हें रात करीब 8.30 बजे धनपुरी सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत बता दिया। राजस्थान के उदयपुर निवासी योगेंद्र सिंह भाटी बैकुंठपुर में क्षेत्रीय रेल प्रबंधक पर कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि योगेंद्र सिंह भाटी काम के दौरान RRI केबिन गए थे। वहां ऑफिशियल काम करने के बाद केबिन से उतरकर रेलवे ट्रैक की तरफ आ रहे थे। हालांकि, काम के दौरान किसी को उनके आने की भनक नहीं लगी। तभी एक साथ दो ट्रैक पर मालगाड़ी और मेमू लोकल आ गई। ट्रेन गुजरने के बाद ARM भाटी को दोनों ट्रैक के बीच में घायल पड़े देखा गया।
जानकारी मिलते ही मंडल रेल प्रबंधक आलोक सहाय सहित रेलवे के अधिकारियों की टीम देर रात अस्पताल पहुंच गए। शुक्रवार की सुबह उनकी मौजूदगी में शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इस दौरान DRM और रेल अफसर घटनास्थल भी गए। उन्होंने हादसा कैसे हुआ इसकी जांच के लिए कमेटी बनाने की बात कही है।
योगेंद्र सिंह भाटी के निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर दिवंगत रेल अफसर भाटी को श्रद्धांजलि अर्पित की है। बघेल ने उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट की है।