पुलिस परिवारों का सरकार के खिलाफ जंगी प्रदर्शन, कहा- इस डिपार्टमेंट में सबसे ज्यादा प्रताड़ना…देखें वीडियो
रायपुर। प्रदेश में एक बार फिर पुलिस परिजन विभिन्न मांगों को लेकर सैकड़ों की संख्या में सड़क पर उतरकर जंगी प्रदर्शन करते हुए पीएचक्यू घेराव करने निकले। प्रदेश भर से राजधानी रायपुर में आज यानि सोमवार को अपराध और शोषण होने से बचाने वाली पुलिस ही आज स्वयं के ऊपर शोषण को रोकने की मांग और विभिन्न सुविधाओं को लेकर उनके परिवार वालों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और नवा रायपुर पुलिस मुख्यालय का घेराव करने पहुंचे गए. वहां बिना अनुमति प्रदर्शन कर रहे 100 -150 लोगों को धरना स्थल,सप्रे शाला मैदान भेजा गया है. इस दौरान पुलिस परिवार वालों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया और अपना आक्रोश दिखाया।
प्रदर्शन के दौरान पूर्व आरक्षक राकेश यादव सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा- जब प्रदेश में भाजपा सरकार थी तब वर्तमान में जो कांग्रेस सरकार है. वो उस समय पुलिस परिवार के पास आई और भरोसा दिलाया की हम पुलिस सुधार करेंगे, हम आप के दर्द को समझेंगे और समस्याओं को पूरा करेंगे, लेकिन कांग्रेस को आज सरकार में 3 साल पूरे हो गए हैं. लेकिन लगातार ज्ञापन, निवेदन करने के बाद भी आज तक सारी मांगे लंबित है इसलिए आज पुलिस परिवार बहुत दुखी और आक्रोशित है. जिसको लेकर राज्य भर से पुलिस परिवार एकत्र हुआ है. जो पिछली सरकार में दमन हुआ था. वो फिर से दमन शुरू हो चुका है. पुलिस परिजनों को कई जगह रोका गया है उन्हें अरेस्ट किया गया है।
उन्होंने आगे सरकार से सवाल करते हुए कहा पुलिस सुधार का जो वचन है. उसे सरकार आज तक क्यों लंबित रखी हुई है. सरकार पुलिस परिवार को बताए।
इसके साथ ही अपनी मुख्य मांगे बताते हुए कहा, जवानों के वेतन भत्ते बढ़ने चाहिए। चाहे वह जिला बल , छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, जेल प्रहरी , सहायक आरक्षक, गोपनीय सैनिकों या नगर सैनिक हो. जवानों की ड्यूटी 365 दिन 24 घंटे है, लेकिन तनख्वाह के नाम पर सबसे कम है. वह सबसे ज्यादा सहादत, प्रताड़ना-शोषण इस डिपार्टमेंट में है. पुलिस परिवार का मांग है कि वेतन भत्ता बढ़े, 2800 ग्रेड पर होना चाहिए। जवानों की शिफ्ट ड्यूटी हो 8 घंटे की, सप्ताहिक अवकाश मिले। इसको लेकर आदेश जारी हुआ है, लेकिन आदेश फाइल में बंद पड़ा हुआ है. पुलिस संगठन बनाने का अधिकार मिलना चाहिए।हमारे पुलिस भाइयों का उनके परिवार जनों का मानव अधिकार का भी हनन होता है लेकिन प्रोटेस्ट करने ,अपनी बात रखने और ज्ञापन देने का अधिकार हमारा भी है, लेकिन हमें क्यों ज्ञापन नहीं देने दिया जा रहा क्या पुलिस परिवार भारत के नागरिक नहीं है.