पीएम मोदी बोले- तीन माह में तैयार होंगे 1 लाख युवा हेल्थ वर्कर, ट्रेनिंग के साथ मिलेगी स्टाइपेंड
कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्करों के लिए क्रैश कोर्स को लॉन्च
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्करों के लिए क्रैश कोर्स को लॉन्च करने के साथ ही महामारी कोविड-19 को लेकर देश को तैयार रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज शुरू किए जा रहे क्रैश कोर्स के जरिए 1 लाख वारियर्स को महामारी का सामना करने के लिए तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने क्रैश कोर्स करने वाले फ्रंटलाइन वर्करों को शुभकामनाएं दी और उम्मीद जताई की वे जल्द ही हेल्थकेयर वर्करों के सहयोग के लिए तैयार होंगे।
कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए देश में करीब 1 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह क्रैश कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे। फ्रंटलाइन वर्करों के इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत, उम्मीदवारों को निःशुल्क ट्रेनिंग, स्किल इंडिया का सर्टिफिकेट, भोजन व आवास सुविधा, काम पर प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड एवं प्रमाणित उम्मीदवारों को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा प्राप्त होगा। कोविड-19 हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने के बाद उम्मीदवार डीएससी ध् एसएसडीएम की व्यवस्था के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य सुविधाओं व अस्पतालों में काम कर सकेंगे।
मकसद-हेल्थकेयर वर्करों का कौशल विकास करना
इसके तहत 6 भूमिकाओं में दक्षता के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। ये होंगे होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट। इसकी लागत कुल 273 करोड़ रुपए है। हेल्थ सेक्टर में वर्तमान व भविष्य के लिए मानव संसाधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए नॉन मेडिकल हेल्थकेयर वर्करों का कौशल विकास करना इस प्रोग्राम का मकसद है।