पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से झटका, एफआईआर रद्द करने से इंकार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा के खिलाफ दर्ज एफआईआर और आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने से इनकार कर दिया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा, ‘माफ कीजिए, हमारा कोई इरादा नहीं है।’
सुनवाई के दौरान जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि आप बार-बार माफी मांगते रहिए, हम इस मामले में दखल देने को इच्छुक नहीं हैं। पवन खेड़ा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मुंबई में 17 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवन खेड़ा ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
अक्तूबर 2023 में ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की एफआईआर रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खेड़ा की याचिका खारिज कर दी थी। खेड़ा के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक और विवादास्पद टिप्पणी करने के आरोप में यूपी और असम में एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था। साथ ही मामले को लखनऊ ट्रांसफर किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पवन खेड़ा एफआईआर रद्द करने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट जा सकते हैं। गत साल 17 अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खेड़ा की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि मामले के जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए गए सबूतों का मूल्यांकन मामले को रद्द करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका में नहीं किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी भी की थी कि शीर्ष अदालत ने खेड़ा को सभी विवाद लखनऊ की न्यायिक अदालत के समक्ष उठाने के लिए कहा था, इसलिए यह उचित होगा कि वह अपनी सभी शिकायतें उक्त अदालत के समक्ष उठाएं