
रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव इन दिनों सरगुजा प्रवास पर हैं। सोमवार को मंत्री सिंहदेव सूरजपुर में आयोजित सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल हुए और सरगुजा क्षेत्र के विकास के लिए तैयार किए गए विकास कार्यों और योजनाओं की जानकारी ली। वहीं मीडिया से चर्चा के दौरान एक सवाल पर मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि “चुनाव से पहले मैं अपने भविष्य पर फैसला करूंगा”, अभी मैंने कुछ सोंचा नहीं है…, उनके दिए गए इस बयान पर भाजपा ने चुटकी ली है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने बयान में कहा हैं कि ‘अब ये तो कार्यकर्ताओं के ऊपर है। उनके मन की बात है। किस बात को लेकर वे काम करना चाहेंगे। चुनाव के पहले आते तक मैं अपने भविष्य के लिए कोई निर्णय लूंगा। अभी मैंने कुछ सोचा नहीं है।’ मीडिया ने सिंहदेव से यह सवाल किया था कि क्षेत्र के कार्यकर्ता उन्हें सीएम के रूप में देखने की उम्मीद कर रहे हैं। एक साल बाद चुनाव होने हैं। ऐसे में कार्यकर्ताओं को कैसे मनाया जाएगा? इसके जवाब में सिंहदेव ने कहा था कि उन्होंने अभी सोचा नहीं है।
मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा भूपेश बघेल की एकला चलो की नीति से व्यथित होकर कांग्रेस का आक्रोश सतह पर आने लगा है। उन्होंने कहा,पहले भी प्रधानमंत्री आवास ना बना पाने के कारण, और अपनी अनदेखी के चलते इन्होंने पंचायत विभाग से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस के जन घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष होने के नाते जनता से किए वादे पूरे न होने के कारण अब जगह-जगह इन्हे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। अब जनता ही नहीं कांग्रेसी कार्यकर्ता भी प्रश्न उठाने लगे हैं।
नारायण चंदेल ने आगे कहा, सिंहदेव जी बड़े नेता है, उन्हें थोड़ी नैतिकता अभी बची है और अगर यह कह रहे हैं कि कुछ बड़ा निर्णय लेने वाले हैं तो जरूर कुछ उनके मन में होगा।
सीएम भूपेश बघेल ने मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। सीएम बघेल ने कहा कि टीएस सिंहदेव ने कहा कि फैसला लूंगा। भविष्य के बारे में, चुनाव लड़ने के बारे में। आप (मीडिया) जबरदस्ती घुमा रहे हो। मेरे बगल में सबसे सीनियर मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम खड़े हैं। मध्यप्रदेश में मंत्री रहे। छत्तीसगढ़ के सबसे सीनियर मंत्री हैं। जब चुनाव लड़ना रहता है तो कार्यकर्ताओं से पूछते हैं। बाबा साहब ने गलत क्या कहा। मैं भी चुनाव लडूंगा तो जाऊंगा कार्यकर्ताओं के पास, लड़ना है कि नहीं लड़ना है, सहयोग देंगे या नहीं देंगे। यह तो स्वाभाविक बात है। आप लोग जबरदस्ती घुमा रहे हो।’