नाग पंचमी पर उज्जैन के नागचंदेश्वर मंदिर के खुले कपाट, मंदिर के दर्शन मात्र से होते हैं कालसर्प दोष समाप्त…

बाबा महाकाल की नगरी में स्थित भगवान श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार नाग पंचमी के अवसर पर रात्रि 12 बजे शुभ मुहूर्त में खोला जाता है, वही आज नांगपचमी के अवसर पर मंदिर के कपाट खुलने के बाद रात से ही लाखों श्रद्धालु दर्शनों के लिए कतार में खड़े नजर आए. मंदिर के पट खुलने के बाद सर्वप्रथम पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री विनीतगिरी महाराज ने विधि-विधान से श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की पूजा अर्चना की.उज्जैन में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर विख्यात है. यह एक रहस्यमयी मंदिर है, जो साल में सिर्फ एक दिन आम लोगों के लिए खुलता है. इसी एक दिन यहां आकर भक्त नागदेवता के दर्शन कर सकते हैं, बाकी समय यह मंदिर बंद रहता है. इस मंदिर को लेकर श्रद्धालुओ का कहना है कि यह मंदिर काफ़ी प्राचीन है. मंदिर के खुलने का इंतज़ार साल भर श्रद्धालु करते हैं. मान्यता है कि अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो और वो इस मंदिर के दर्शन करले तो केवल दर्शन मात्र से उसके दोष समाप्त हो जाते हैं, इसलिए लाखों कि संख्या में श्रद्धालुओं का इस मंदिर में जनसैलाब नागपंचमी के दिन देखने को मिलता है.
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