
रायपुर। नई राजधानी बसाने के लिए सरकारों ने अनाप-शनाप कर्ज लेकर सुविधाएं विकसित की हैं, राज्य सरकार ने भी पिछले तीन साल में 51 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज लिया है। अब सरकार पर ऋण भार अनुमानित राजस्व आय का 106 प्रतिशत हो गया है। मतलब, जितनी आय संभावित है उससे कहीं अधिक कर्ज है। READ MORE: नवा रायपुर विकास प्राधिकरण की संपत्तियों पर बैंक का कब्जा, पूर्व सीएम ने ट्विट कर कहा- अब विधानसभा और मंत्रालय भी हो जाएगा गिरवी
नया रायपुर विकास प्राधिकरण (NRDA) पर भी करोड़ों का कर्ज है। उस मान से यहां निवेश नहीं हुआ। निवेश नहीं हुआ तो प्राधिकरण की आय प्रभावित हुई। अभी तक यह प्राधिकरण सरकारी मदद और कर्ज के भरोसे है। आवास और पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर का कहना है, यह स्थिति क्यों बनी यह देखना होगा। इसके अफसर सरकार को रोज-रोज की रिपोर्ट नहीं देते ऐसे में इस हालात की जानकारी उन्हें नहीं है। छत्तीसगढ़ की नई राजधानी बसाने और उसके प्रबंधन के लिए बना अटल नगर नवा रायपुर विकास प्राधिकरण उधारी के जाल में फंस रहा है।
पूर्ववर्ती सरकार ने 41 हजार करोड़ रुपए का कर्ज छोड़ा था। पिछले दिनों प्राधिकरण, यूनियन बैंक के 317.79 करोड़ रुपए की उधारी नहीं चुका पाया। अब बैंक ने नया रायपुर डेवलपमेंट अथॉरटी की 2.659 हेक्टेयर जमीन पर प्रतीकात्मक कब्जा कर लिया है।
बजट 2021-22 के मुताबिक प्रदेश में 79 हजार 325 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियां अनुमानित हैं। कर्ज की यह मात्रा छत्तीसगढ़ के सकल घरेलू उत्पाद का 22 प्रतिशत होता है। पूर्ववर्ती सरकार ने भी 41 हजार करोड़ रुपए का कर्ज छोड़ा था।