
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 3800 स्नाइपर राइफल और 78 लाख राउंड्स खरीदने के सौदे के लिए भारतीय कंपनियों को आरएफआई जारी कर दी है। आरएफआई यानि रिक्यूस्ट फॉर इनफोर्मेशन किसी भी रक्षा सौदे के टेंडर प्रक्रिया का पहला चरण होता है।
रक्षा मंत्रालय के डिफेंस प्रोक्योरमेंट बोर्ड ने इन स्नाइपर राइफल खरीदने की मंजूरी पहले ही दे दी थी। इस बाबत 2016 में पहले भी आरएफआई जारी की गई थी। लेकिन टेंडर प्रक्रिया में अधिक कंपनियों को शामिल करने के लिए एक बार फिर से आरएफआई जारी की गई है। ये आरएफआई बाय-इंडिया के तहत जारी की गई है। यानि ये स्नाइपर राइफल भारतीय कंपनियों के लिए ही खरीदी जाएंगी। हालांकि, भारतीय कंपिनयां इस सौदे के लिए किसी विदेशी कंपनी से भी करार कर सकती हैं।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नई आरएफआई के मुताबिक, ये स्नाइपर राइफल .338 बोर की होनी चाहिए और इनकी रेंज 1200 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए। इन राइफल की लंबाई 1250एमएम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और वजन करीब 9 किलो होना चाहिए। राइफल पर टेलीस्कोपिक-साइट भी लगी होनी चाहिए। राइफल का एम्युनेशन भी .338 लैपुआ मैगनम होना चाहिए।
टेंडर के मुताबिक, थलसेना के इंफेट्री डायरेक्टरेट को इन स्नाइपर राइफल की जरूरत है जिसके अंतर्गत भारतीय सेना की इंफ्रेंट्री बटालियन हैं। जानकारी के मुताबिक, इन स्नाइपर राइफल्स को चीन और पाकिस्तान से सटे बॉर्डर (एलएसी और एलओसी) पर तैनात इंफेंट्री बटालियन को दी जाएंगी। पाकिस्तान से हुए युद्धविराम समझौते से पहले एलओसी पर स्नाइपर फायरिंग भारतीय सेना के लिए एक बड़ी चुनौती थी। इस टेंडर की कुल कीमत करीब 460 करोड़ रुपये है।