अब धर्म के आधार पर देनी होगी गर्भपात की जानकारी, इन परिस्थितियों में ही मिलेगी अबॉर्शन की अनुमति
भोपाल। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने नया रेगुलेशन जारी किया है। अब अस्पतालों को धर्म के आधार पर गर्भपात (गर्भ का समापन) की जानकारी देनी होगी। पंजीकृत डॉक्टर को 20 सप्ताह तक के गर्भावस्था वाली महिलाओं के गर्भ समापन करने के लिए अपने हस्ताक्षर का प्रमाण पत्र देना होगा। इसमें धर्म और गर्भ समापन के कर्म का उल्लेख करना होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को गर्भ समापन की जानकारी देने के लिए नए नियम जारी किए हैं। पंजीकृत डॉक्टर को 20 सप्ताह तक के गर्भावस्था वाली महिलाओं के गर्भ समापन करने के लिए अपने हस्ताक्षर से एक प्रमाण-पत्र देना होगा। जिसमें डॉक्टर का नाम, उसकी अर्हता, गर्भवती स्त्री का नाम व पता-धर्म, गर्भ समापन का कारण एवं अस्पताल के एडमिशन रजिस्टर क्रमांक का उल्लेख करना होगा एवं गर्भ समापन सद्भावनापूर्ण करने का प्रमाण-पत्र देना होगा।
इन कारणों से ही किया जा सकेगा गर्भ समापन
गर्भवती महिला की जीवन रक्षा के लिए गर्भपात करना आवश्यक हो।
गर्भवती स्त्री के शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य को होने वाली गंभीर क्षति के निवारण के लिए।
यदि गर्भवती स्त्री का कथन है कि गर्भ बलात्संग से हुआ है।
गर्भ निरोधक तकनीक की विफलता से अनचाहा गर्भ धारण हुआ हो।
न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद दिए गए आदेश के आधार पर
एक फॉर्मेट में अस्पतालों को यह भी जानकारी देनी होगी कि उसने कितने गर्भ समापन किस-किस अवधि में किए। यह भी बताना होगा कि ऐसे कितने गर्भ समापन है जो सर्जिकल से किए। इसी तरह स्त्री के धर्म के आधार पर आंकड़ों की जानकारी दी जाएगी। गर्भ निरोधक में कितने नसबंदी, आइयूडीसी, गर्भ निरोधक गोली या सुई या अन्य कारणों से किया गया एवं गर्भ समापन के क्या कारण रहे।
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