रायपुर– राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पत्रकार हत्याकांड मामले में अबतक मुआवजा और नौकरी की घोषणा नहीं करने पर सवाल उठाए जाने पर सीएम के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने करारा जवाब दिया है । उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी पर पत्रकार हत्याकांड पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी पर करारा प्रहार किया है ।
एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पंकज झा ने कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बंगले के आगंतुकों की लिस्ट और सीसीटीवी फुटेज मांगा है । उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा-
बड़े ही दुखी मन से कहना पड़ रहा है कि लगातार दुत्कारे जाने के बावजूद भी कांग्रेस ने ‘चोर से कहो चोरी कर, गृहस्वामी से कहो जागते रह’ की परिपाटी को छोड़ा नहीं है। बड़े ही दुखी मन से कहना पड़ रहा है कि कांग्रेस के बड़े नेता द्वारा एक प्रखर पत्रकार का कत्ल किए जाने के बाद अन्य कांग्रेसियों द्वारा घड़ियाली आसूं भी बहाये जा रहे हैं। बड़े ही दुखी मन से कहना पड़ रहा है कि कांग्रेस के एक विंग के प्रमुख, अनेक मामलों के प्रभारी रहे अपने नेता को गिरफ्तार होने के बाद भी @INCChhattisgarh ने उसे पार्टी से निष्कासित नहीं किया है। बड़े ही दुःखी मन से कहना पड़ रहा है कांग्रेस ने एक प्रखर और मुखर पत्रकार का पहले न केवल बहिष्कार किया अपितु फिर कांग्रेस नेता ने उसकी बर्बर और नृशंस हत्या भी की।
बड़े ही दुख की बात है कि उसके बाद ऐसे युवा पत्रकार की, जिसकी हत्या पर देश रो रहा था, दुनिया ने निंदा की, लेकिन उनकी अंतिम यात्रा में भी शामिल होने का साहस नहीं जुटा पायी कांग्रेस, जबकि आपके समेत अनेक नेता उस दिन बस्तर में थे। बड़े ही दुख की बात है कि कांग्रेस नेता द्वारा किए बर्बर, नृशंस और निर्दयी हत्या के बाद जश्न भी कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज जी ने मनाया। चंद्रकार जी का पार्थिव शरीर अंतिम यात्रा के लिए उठा भी नहीं था, और उसी बस्तर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लड्डुओं से तौले जा रहे थे। आतिशबाजियां हो रही थी। गगन गुंजायमान नारे लगाये जा रहे थे। बड़े ही दुख की बात है कि एक भ्रष्ट और अनपढ़ कांग्रेसी ठेकेदार बस्तर को लूट कर अरबों की जायदाद बना लेता है। कांग्रेस शासन में हेलीकॉप्टर से बारात लाता है। अपने भ्रष्टाचार का रौब गांठने बड़े-बड़े कांग्रेसी नेताओं से गलबहियां करता है।
बड़े दुखी मन से कहना पड़ रहा है कि जांच की दिशा भटकाने और अपनी पार्टी के अपराधी को बचाने @INCChhattisgarh कूट रचना करने, गलत दस्तावेज जारी करने अर्थात् वर्षों पुरानी किसी अन्य कार्यक्रम की तस्वीर को भाजपा प्रवेश वाली तस्वीर बताने की घृणित कोशिश करते रंगे ‘हाथ’ पकड़ी गयी। बड़े ही दुखी मन से कहना पड़ रहा है कि ऐसे दुर्दांत अपराधी के पीछे अपना ‘हाथ’ रख कर कांग्रेसी झूठ पर झूठ भी गढ़ती रही। बड़े ही दुखी मन से कहना पड़ रहा है कि रायपुर में प्रेस के मित्रों ने जब श्रद्धांजलि सभा आयोजित किया, तब भी आरोपी राजनीतिक दल का एक नेता तक वहां नहीं पहुंचा दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि देने। बड़े ही दुखी मन से कहना पड़ रहा है कि सांत्वना राशि आदि के विषय पर भी पूर्व मुख्यमंत्री के नाम वाले प्रोफ़ाइल से घटिया हरकत कराये जा रहे हैं जबकि आर्थिक सहायता और अन्य विषयों की घोषणा पहले ही हो चुकी है प्रेस वार्ता में। बस ‘कितना, कैसे और किसे’ आदि पर विचार किया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तर प्रदेश तक जा कर मुआवजे की घटिया राजनीति करना, प्रदेश में हजारों किसानों की हत्या पर मुंह तक नहीं खोलने, लेकिन लखीमपुर जा कर छत्तीसगढ़ का खजाना लुटा देने वाली घोषणा करने जैसा काम भाजपा सरकार नहीं करती है। प्राथमिकता पहले यह थी कि कांग्रेसी हत्यारे को पकड़ा जाय। शेष कार्य भी होना ही है क्योंकि यह साय जी का सुशासन है।
बड़े ही दुःखी मन से कहना पड़ रहा है कि जनता को अभी तक यह जवाब नहीं मिला है कि क्या दिल्ली में अपराधी अपने नेताओं के यहां तो नहीं गया था? प्रश्न यह है कि क्या पिछले माह भर का सीसीटीवी फूटेज सोनिया गांधीजी, @priyankagandhi जी@RahulGandhi जी के यहां का जारी किया जा सकता है? करना चाहिये ताकि षड्यंत्रों की परत खुले।
बड़े ही संतोष की बात है कि अपराधी कांग्रेस नेता सुरेश आज सलाखों के पीछे है और घोषणा अनुसार ही तय समय सीमा में चालान आदि प्रस्तुत करने की कोशिश में एजेंसियां लगी हैं। अत्यधिक संवेदना और पूरी दृढ़ता के साथ सरकार ने जिस तरह कारवाइयां की, उसकी देश भर में प्रशंसा हो रही है। बड़े ही सुख की बात होगी जब कांग्रेस के बावजूद अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जायेगा। बड़े ही सुख की बात होगी जब आगे कभी कोई राजनीतिक गुस्ताख इस तरह मुकेशजी जैसे पत्रकार या रामअवतार जग्गी जैसे किसी नेता-कार्यकर्ता की राजनीतिक हत्या करने का दुःसाहस नहीं कर पाये, ऐसा व्यवस्था की जाएगी।