कुख्यात नक्सली नेता की अस्पताल में मौत, कैंसर से थी पीड़ित

मुंबई। महाराष्ट्र और अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों में दर्जनों आपराधिक मामलों में शामिल नक्सली नेता उप्पुगंती निर्मला कुमारी उर्फ नर्मदा अक्का की मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में कैंसर से मौत हो गई। नक्सलियों ने नर्मदा अक्का की मौत के कारण 25 अप्रैल को बंद की अपील की है। बंद को लेकर गढ़चिरौली इलाके में नक्सलियों ने पोस्टर चिपकाए हैं।
दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति की सदस्य रही अक्का को 11 जून, 2019 को उनके पति किरण उर्फ सुधाकर के साथ गढ़चिरौली नक्सल हमले में उनकी कथित भूमिका के लिए पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसमें 15 पुलिसकर्मी और एक नागरिक की जान चली गई थी। यह दंपति मूल रूप से आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि नर्मदा एक्का (63) के चार साल पहले कैंसर से ग्रसित होने का पता चला था और नौ अप्रैल को मुंबई के उपनगर बांद्रा में एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि इस संबंध में गृह विभाग की ओर से शुरुआत में कोई जानकारी नहीं दी गई, लेकिन नर्मदा अक्का की मौत के चलते नक्सलियों द्वारा बंद का ऐलान करने के बाद नतीजतन बुधवार को नर्मदा अक्का की मौत की आधिकारिक घोषणा की गई।
नर्मदा अक्का महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के भामरागढ़, अल्लापाली, एटापल्ली, अहेरी, धनोरा, धामरांचा, फरसाल और कसनसुर क्षेत्रों में सक्रिय थी। हत्या, आगजनी, घात और मुठभेड़ सहित गढ़चिरौली में 65 से अधिक अपराधों में वह शामिल थी। 1980 में माओवादी आंदोलन में शामिल होने वाली नर्मदा अक्का नक्सल विचारधारा फैलाने, ठेकेदारों से फिरौती वसूलने और बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल कर पुलिसकर्मियों की हत्या में भी शामिल थी।
नक्सलियों की विशेष क्षेत्रीय समिति की सदस्य रही नर्मदा अक्का डीकेएएमएस की प्रभारी थी। गढ़चिरौली जिले के ज्यादातर नक्सली नर्मदा अक्का के नेतृत्व में काम कर रहे थे। अत्याधुनिक हथियार चलाने में महारत प्राप्त नर्मदा अक्का एके-47 रायफल का इस्तेमाल करती थी। नक्सल आंदोलन में शामिल होने के बाद नर्मदा ने नक्सली किरण कुमार से शादी की थी। वह नक्सली पत्रिका ‘प्रभात’ की संपादक थी। महाराष्ट्र सरकार ने उन पर 25 लाख रुपये का इनाम रखा था।