
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, उस तेजी से वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है। इस बीच देश में कोरोना की वैक्सीन मिल नहीं रही और प्रधानमंत्री मोदी देश में टीका उत्सव मना रहे हैं। मोदी ने 11 से 14 अप्रैल के बीच देशभर में कोरोना टीका उत्सव मनाने का ऐलान किया था। इसका खूब प्रचार-प्रसार भी किया गया।
केंद्रीय मंत्री से लेकर विधायक तक ने लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की। लेकिन परिणाम ठीक उल्टा मिला। ज्योतिबा फुले की जयंती 11 अप्रैल से अंबेडकर जयंती, यानी 14 अप्रैल के बीच ये टीका उत्सव मनाया गया। लेकिन इस बीच वैक्सीनेशन बढ़ने की बजाय 12फीसदी घट गया।
देशभर में वैक्सीन का संकट बरकरार है। कई राज्य खुलकर बोल चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार है कि मानने को तैयार नहीं। राज्य सरकारों ने जब वैक्सीन की कमी के बारे में बोला तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन खुद आंकड़े पेश करने उतर आए। दावा किया था कि पूरे देश में कहीं भी वैक्सीन की कमी नहीं है। तमाम कोशिशों के बावजूद वैक्सीनेशन में आई कमी ने सरकार के दावे की पोल खोल दी है।
1.13 करोड़ से घटकर 99 लाख हुआ वैक्सीनेशन
टीका उत्सव के दौरान यानी 11 से 14 अप्रैल के बीच देशभर में वैक्सीन की 99.64 लाख डोज लगाई गई। इसके पहले 7 से 10 अप्रैल के बीच 1.13 करोड़, 3 से 6 अप्रैल के बीच 1.10 करोड़ और 30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच 99.99 लाख वैक्सीन की डोज लगाई गई थी। आंकड़ों से साफ है कि टीका उत्सव में वैक्सीनेशन काफी घट गया, जबकि इस उत्सव का मकसद ही टीकाकरण को बढ़ाना था।