
नई दिल्ली। देश में कोरोना और टीकाकरण की स्थिति को लेकर प्रेस कांफ्रेंस करते एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत का या विश्व का डेटा देखें तो अब तक ऐसा कोई डेटा नहीं आया जिसमें दिखाया गया है कि बच्चों में अब ज्यादा गंभीर संक्रमण है। बच्चों में अभी हल्का संक्रमण रहा है। अभी कोई सबूत नहीं है कि अगर कोविड की अगली लहर आएगी तो बच्चों में ज्यादा गंभीर संक्रमण होगा।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि निजी क्षेत्रों (अस्पतालों) के लिए टीकों की कीमत वैक्सीन निर्माताओं द्वारा तय की जाएगी। राज्य निजी क्षेत्र की कुल मांग करेंगे, जिसका अर्थ है कि वे देखेंगे कि उसके पास सुविधाओं का कितना नेटवर्क है, और उसे कितनी खुराक की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोविशील्ड की 25 करोड़ खुराक और कोवैक्सिन की 19 करोड़ खुराक खरीदने का आदेश दिया है।
सरकार ने बायोलॉजिकल ई टीके की 30 करोड़ खुराक खरीदने का भी आदेश दिया है, जो सितंबर तक उपलब्ध होगा। डॉ वीके पॉल से जब पूछा गया कि क्या भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टीकाकरण के लिए नए दिशानिर्देश पेश किए तो उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट की की चिंता का सम्मान करते हैं, लेकिन भारत सरकार 1 मई से विकेन्द्रीकृत मॉडल के कार्यान्वयन का मूल्यांकन कर रही थी। ऐसे फैसले विश्लेषण और परामर्श के आधार पर समय की अवधि में लिए जाते हैं।