छत्तीसगढ़देश

बस्तर क्षेत्र में शिक्षा के लिए लगातार काम कर रहा NMDC, सालाना करीब 64 करोड़ खर्च कर वंचित वर्गों को उपलब्ध करा रहा उत्कृष्ट शिक्षा

शिक्षा सहयोग, एकल विद्यालय और स्मार्ट क्लास समेत विभिन्न योजनाओं के माध्मय से की जा रही लोगों की मदद

रायपुर। वनवासी बहुल बस्तर संभाग के लोगों को उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एनएमडीसी लगातार काम कर रहा है। संभाग के बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव जिलें में उत्कृष्ट शिक्षा मुहैया कराने के लिए एनएमडीसी अपने कुल सीएसआर बजट का करीब पैतीस फीसदी हिस्सा राज्य सरकार और जिला प्रशासन के माध्यम से खर्च करता है जो सालाना करीब 64 करोड़ के आसपास है।

प्रोजेक्ट क्षेत्र में स्कूली शिक्षा के लिए काम

एनएमडीसी द्वारा दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला प्रोजेक्ट क्षेत्र से घिरे गांव में 40 प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के भवन निर्माण कराए गए है जबकि 21 स्कूलों का रिनोवेशन और 10 स्कूलों में क्षमता विस्तार का कार्य एनएमडीसी द्वारा किया गया है। प्रोजेक्ट क्षेत्र के आसपास के गांव में एनएमडीसी द्वारा 9 आश्रम-छात्रावास का निर्माण किया गया है, जबकि 25 स्कूलों में किचन शेड और शौचालय का निर्माण तथा 41 स्कूलों के बाउंड्रीवांल का निर्माण भी कराया गया है।
बस्तर संभाग के विभिन्न एजुकेशन सिटी में योगदान

एजुकेशन सिटी गीदम में नक्सल हिंसा में मारे गए माता-पिता के बच्चों सहित संभाग के अति निर्धन बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एनएमडीसी ने 24 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से आवासीय आस्था स्कूल की स्थापना की है और उसका संचालन कर रहा है। जबकि बीजापुर जिले में 30 करोड़ की लागत से एजुकेशन सिटी बनाई गई है। इसी तरह सुकमा एजुकेशन सिटी, नारायणपुर एजुकेशन सिटी और बस्तर एजुकेशन सिटी के निर्माण में भी एनएमडीसी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

स्कूलों के आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में योगदान

एनएमडीसी ने वर्ष 2014-15 से लेकर 2020-21 तक बस्तर संभाग में 79 स्कूल और हांस्टल का निर्माण कराया है जबकि इस दौरान 788 स्कूलों में पेयजल, शौचालय, अहाता निर्माण, पु्स्तकालय निर्माण, अतिरिक्त भवन निर्माण, किचन शेड निर्माण आदि आधारभूत संरचनाओं के विस्तार में मदद की है। एनएमडीसी द्वारा नारायणपुर में करीब एक करोड़ की लागत से रामकृष्ण मिशन स्कूल के विवेकानंद विद्यापीठ का भवन निर्माण कराया गया है जबकि जिले में 390 लाख की लागत से 39 आश्रम-छात्रावासों का निर्माण कराए गए हैं।

बस्तर संभाग के 10 मांडल स्कूल में एक-एक करोड़ की लागत से छात्रावास का निर्माण भी एनएमडीसी के द्वारा कराया गया है। दंतेवाड़ा में पांच करोड़ सत्रह लाख रूपए की लागत से 500 सीटर छात्रावास, जिले के धुरली में 160 लाख की लागत से 100 सीटर छात्रावास, 161 लाख की लागत से शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण और सुकमा में दस करोड़ 35 लाख रूपए की लागत से एक हजार सीटर छात्रावास का निर्माण तथा 6 करोड़ की लागत से बालक-बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का निर्माण भी एनएमडीसी के द्वारा कराया गया है। इसके अतिरिक्त सुकमा में 375 लाख की लागत से चार सौ सीटर हांस्टल और 580 लाख की लागत से पोटाकेबिन निर्माण भी एनएमडीसी के द्वारा कराया गया है। एनएमडीसी ने बस्तर और कोंडागांव में भी शिक्षा के लिए जरूरी आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया है।
उपरोक्त के अतिरिक्त एनएमडीसी द्वारा बीजापुर जिले में राज्य शासन के साथ मिलकर 106 लाख रूपए की लागत से सोलर हैंडपम्प की स्थापना, नारायणपुर जिले में 127 लाख रूपए की लागत से शौचालय का निर्माण और कोंडागांव के 258 स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था भी की गई है।

स्कूली शिक्षा में मदद

वनवासी बहुल बस्तर संभाग में उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए एनएमडीसी किरंदुल, बचेली और नगरगार में डीएबी पब्लिक स्कूल का संचालन करता है जिससे हजारों बालक-बालिकाएं लाभान्वित हो रहे है। इतना ही नही एनएमडीसी ने उत्कृष्ट प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए एक तरफ तो बस्तर संभाग में विगत सात वर्ष में 79 स्कूल और हांस्टल का निर्माण और 788 स्कूल और हांस्टल के उन्नयन में मदद की है वहीं एनएमडीसी ने “शिक्षा सहयोग योजना” के माध्यम से वर्ष 2008-09 से लेकर 2020-21 तक 5817 स्कूलों के अति निर्धन एक लाख 56 हजार 423 विद्यार्थियों को 58.51 करोड़ रूपए की स्कांलरशिप दी है ताकि वनवासी क्षेत्र के अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चे आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सके। दंतेवाड़ा के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए एनएमडीसी द्वारा दंतेवाड़ा ब्लाक के 2.5 करोड़ रूपए की लागत से स्मार्ट क्लास की व्यवस्था कराई गई है। एनएमडीसी दंतेवाड़ा में 300 एकल विद्यालय का भी संचालन करता है ताकि पहुंचविहीन क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के बेसिक शिक्षा मुहैया कराई जा सके।

एनएमडीसी द्वारा दंतेवाड़ा जिले में दिव्यांग बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सक्षम स्कूल की स्थापना की गई है और सालाना करीब तीन करोड़ रूपए खर्च कर स्कूल का संचालन किया जा रहा है। सुकमा जिले में भी दि्व्यांग बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एनएमडीसी द्वारा 250 लाख की लागत से आकार भवन की स्थापना की गई है और उसका संचालन किया जा रहा है।


बस्तर में शिक्षा के विस्तार और विकास के लिए लगातार काम कर रहा एनएमडीसी

एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुमित देव ने कहा कि “बस्तर के सर्वांगिक विकास के लिए शिक्षा बुनियादी जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए एनएमडीसी बस्तर में शिक्षा के विस्तार और विकास के लिए लगातार काम कर रहा है। एनएमडीसी प्रदेश सरकार साथ मिलकर बस्तर संभाग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिए लगातार काम कर रहा है। कुछ साल पहले तक दंतेवाड़ा जैसे जिलों से आईआईटी और चिकित्सा शिक्षा के उत्कृष्ट संस्थानों में जाकर शिक्षा ग्रहण करना महज सपना था लेकिन अब बस्तर संभाग के दुरस्थ गांव के बालक-बालिकाएं आईआईटी, मेडिकल और अन्य प्रोफेशनल संस्थानों में प्रवेश प्राप्त कर दुनिया के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार हो रहें है। ”

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