
हल्द्वानी। कोरोना संकट के बीच गर्बाधार-लिपुलेख सड़क को अतिक्रमण बताने वाला नेपाल अब कालापानी क्षेत्र के छांगरु में स्थायी रूप से 160 सैनिकों की टुकड़ी तैनात करेगा। अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 12 किमी दूर छावनी का निर्माण भी होगा। इसके लिए गुरुवार शाम गृह मंत्री के रक्षा सलाहकार इंद्रजीत राई कालापानी क्षेत्र में बनी नेपाली सशस्त्र बल की अस्थायी बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) में डटे रहे।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, नेपाल कालापानी क्षेत्र में तैनात सैनिकों के लिए बेहतर व्यवस्था करने में जुटा है। इसी क्रम में उसने स्थायी छावनी निर्माण की योजना तैयार की है। जमीन का सर्वे गुरुवार को पूरा कर नक्शा तैयार कर लिया गया। नेपाल कैबिनेट से अनुमति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। फिलहाल अघोषित रूप से काम शुरू भी कर दिया गया है।
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चीन सीमा तक बनी गर्बाधार-लिपुलेख सड़क का उद्घाटन किया। इसी के बाद से नेपाल ने विरोध शुरू कर दिया। नौ मई को इंद्रजीत राई कालापानी के विवादित क्षेत्र में सेना के हेलीकॉप्टर से पहुंच गए। तेजी दिखाते हुए 13 मई को बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) भी खोल दी गई। 14 को टीम ने छांगरु पहुंचकर स्थायी छावनी के नक्शे पर काम शुरू कर दिया।