
नई दिल्ली। भारत के स्टार भालाफेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने अमेरिका के यूजीन में इतिहास रच दिया। नीरज विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल कर इस टूर्नामेंट के इतिहास में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट बन गए हैं। साथ ही इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। उनसे पहले महिलाओं में दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। नीरज ने चौथे राउंड में 88.13 मीटर दूर भाला फेंकर रजत अपने नाम किया।
ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा पहले प्रयास में फेल हो गए थे। उनके पहले थ्रो को फाउल घोषित किया गया था। उसके बाद चोपड़ा ने दूसरे राउंड में 82.39 मीटर दूर भाला फेंका। नीरज के प्रतिद्वंद्वी ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने पहले प्रयास में 90.21 मीटर और दूसरे राउंड में 90.46 दूर भाला फेंककर नीरज पर दबाव बना दिया था। इसके बाद नीरज ने तीसरे और चौथे राउंड में लगातार अपने प्रदर्शन को सुधारा। वह तीसरे राउंड में 86.37 और चौथे राउंड में 88.13 मीटर दूर भाला फेंकने में सफल रहे। नीरज पांचवें राउंड में फेल हो गए। पीटर्स 90.54 मीटर की दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब हुए। चेक गणराज्य के जाकुब वादलेज्च 88.09 स्कोर के साथ कांस्य जीतने में सफल हुए। इस प्रतियोगिता में शामिल दूसरे भारतीय खिलाड़ी रोहित यादव ने फाइनल में 10वां स्थान हासिल किया। वह तीसरे राउंड के बाद बाहर हो गए। उन्होंने पहले राउंड में 77.96, दूसरे राउंड में 78.05 और तीसरे राउंड में 78.72 मीटर दूर भाला फेंका।
फाइनल से पहले नीरज का प्रदर्शन
प्रतियोगिता में नीरज ने अपने पहले ही प्रयास में 88.39 मीटर की दूरी तय की और फाइनल में जगह बनाई थी। दूसरी ओर, रोहित ने 80.42 मीटर की दूरी तय की थी। नीरज और रोहित दोनों क्वालिफाइंग राउंड के स्कोर को पार नहीं कर पाए। हालांकि, नीरज ने रजत तो जीत लिया, लेकिन रोहित को खाली हाथ लौटना पड़ा।
फाइनल में 12 खिलाड़ी
इस प्रतियोगिता में 24 साल के नीरज के अलावा 34 अन्य एथलीट शामिल हुए थे। सभी को दो ग्रुप में रखा गया था। नीरज पहले ग्रुप में थे और रोहित को ग्रुप बी में रखा गया था। नीरज ने अपने करियर का तीसरा बेस्ट थ्रो करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। नीरज और रोहित सहित कुल 12 खिलाड़ियों ने फाइनल में अपना स्थान पक्का किया। चेक गणराज्य के जाकुब वादलेज्च ने भी पहली ही कोशिश में 85.23 मीटर दूर भाला फेंककर फाइनल में जगह बनाई थी।