दंतेवाड़ा। एक प्रेमी जोड़े ने नक्सलियों की हिंसा की दुनिया त्यागकर आत्मसमर्पण कर दिया। प्रेमिका के गर्भवती होने के बाद नक्सली लीडर उसका गर्भपात कराने की तैयारी में थे। ऐसे में गृहस्थी बसाने और संतान सुख के लिए इस जोड़े ने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया। इनके साथ तीन और नक्सलियों ने समर्पण किया है, जिनमें दो इनामी हैं। एक नक्सली दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड और एनआईए की सूची में शामिल रहा है।
प्रेम की ही ताकत है कि अकेले बस्तर में दस साल में सौ से ज्यादा युवक-युवतियों ने बंदूकें त्याग शादी की और समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए। यह जानने के बावजूद कि यह कदम उन्हें नक्सलियों का दुश्मन बना देगा, डिगे नहीं। बस्तर जिले के पिड़ियाकोट निवासी जनमिलिशिया सदस्य हरदेश लेकाम ने प्रेमिका आसमती के साथ समर्पण किया है।
इस वजह से आत्मसमर्पण का फैसला लिया
हरदेश ने बताया कि पिता की मौत के बाद वर्ष 2017 में नक्सली उसे अपने साथ जंगल ले गए थे। आसमती चेतना नाट्य मंडल (सीएनएम) की सदस्य थी। इसी दौरान उससे प्रेम हो गया। नक्सली लीडर सगनू से अनुमति मिलने के बाद दोनों ने विवाह कर लिया। आसमती गर्भवती हुई तो नक्सली लीडर उसका गर्भपात कराने का षड्यंत्र करने लगे। एक बार उसे गर्भपात की गोली भी खिला दी थी, जो कारगर नहीं हुई। हरदेश ने बताया आसमती को छह माह का गर्भ है। आगे खतरा बढ़ गया था। ऐसे में समर्पण का फैसला लिया।