
राजस्थान। उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले शख्स की तालिबानी तरीके से दो लोगों ने हत्या कर दी। हत्यारे दिनदहाड़े मृतक की दुकान में घुसे और धारदार हथियार से वारदात को अंजाम दे डाला। पूरा देश दिनदहाड़े हुई इस घटना से स्तब्ध है। मामले में केंद्र सरकार नृशंस हत्या को आतंकवादी हमला मान रही है। इसके लिए एक जांच दल भेजा गया है जिसमें आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए के अधिकारी शामिल हैं।
पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर पिछले दिनों आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा के समर्थन में गलती से हुए एक पोस्ट की वजह से कट्टरपंथियों ने टेलर कन्हैयालाल का गला रेत दिया। कपड़े सिलवाने के बहाने दुकान में घुसे आरोपियों ने पूरी घटना को कैमरे में भी कैद किया और दो वीडियो जारी करते हुए पीएम मोदी को भी मारने की धमकी दी। दोनों आरोपी रियाज अंसारी और मोहम्मद गौस को राजसमंद के भीम से शाम 7 बजे गिरफ्तार किया गया है। दोनों उदयपुर के सूरजपोल क्षेत्र के निवासी हैं।
घटना के बाद उदयपुर के 7 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। इसमें धानमंडी, घंटाघर, हाथीपोल, अंबामाता, सूरजपोल, भुपालपुरा और सवीना थाना क्षेत्र शामिल हैं। साथ ही, पूरे राजस्थान में धारा 144 लागू कर दिया गया है। शांति व्यवस्था बहाल रखने के लिए पूरे प्रदेश में 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद किया गया है। वारदात के विरोध में उदयपुर के हाथीपोल, घंटाघर, अश्विनी बाजार, देहली गेट और मालदास स्ट्रीट का बाजार बंद है। पूरे राजस्थान में अलर्ट जारी किया गया है।
इस पूरे विवाद की शुरुआत नूपुर शर्मा को लेकर मचे हंगामे के दौरान ही हो गई थी। कन्हैयालाल के मोबाइल से नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट को वॉट्सऐप पर फॉर्वर्ड किया गया। कन्हैया ने दावा किया था कि यह पोस्ट गलती से उसके 8 साल के बेटे ने कर दिया था। इसके बाद से ही कन्हैया को धमकियां मिलने लगी थीं। कन्हैयालाल के पोस्ट से आहत कुछ लोगों ने उदयपुर में पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने 10 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उसे उसी दिन गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, कोर्ट में पेशी के बाद कन्हैया को जमानत मिल गई।
कन्हैयालाल को जमानत पर रिहा होने के बाद लगातार धमकियां मिलने लगीं। कट्टरपंथी उसे फोन और मैसेज करके जान से मारने की धमकी देने लगे। 15 जून को कन्हैया शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचा। उसने धमकी मिलने की बात कहते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की। खुद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस ने धमकी देने वालों को गिरफ्तार करने की बजाय उन्हें थाने में बुलाकर समझौता करा दिया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर घर भेज दिया। लेकिन कन्हैयालाल को मिली धमकियों को नजरअंदाज करते हुए उसे सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई। जिसकी कीमत उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
राजस्थान सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान
राजस्थान सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है। मृतक कन्हैयालाल के परिवार को 31 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के 2 सदस्यों को संविदा पर नौकरी दी जाएगी। नुपुर शर्मा से संबंधित पोस्ट करने के मामले में कन्हैयालाल का समझौता कराने वाले स्थानीय ASI को भी निलंबित किया गया है।