
रायपुर- देश में नवरात्रि का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का बहुत ही शुभ त्यौहार माना जाता है. लोग प्रतिदिन सुबह उठकर पूजा अर्चना करते हैं और माता से आशीर्वाद लेते हैं.नवरात्रि के छठवें दिन यानी कात्यायनी माता का दिन, इस दिन कात्यायनी माता की पूजा की जाती है.कात्यायनी माता को मां दुर्गा का ज्वलंत रूप कहा जाता है.
माना जाता है मां कात्यायनी की पूजा सच्चे मन से की जाए तो सफलता प्रसिद्धि और घर में शांति का वातावरण रहता है. मां कात्यायनी को प्रिय शहद का भोग लगाने से मां खुश होकर आपको सफलता का वरदान देती हैं. कहा जाता है कि देवी ने की असुरों से देवताओं की रक्षा की थी. महिषासुर का वध किया था. और उसके बाद मां कात्यायनी ने शुंभ-निशुंभ का भी वध किया था इतना ही नहीं नौ ग्रहों को उनकी कैद से भी छुड़वाया था.
आइए हम जानते हैं कात्यायनी माता की पूजा विधि..
नवरात्रि के छठवें दिन स्नान कर लाल या पीले रंग के वस्त्र पहने. सबसे पहले घर के पूजा स्थान में माता कात्यायनी की प्रतिमा को स्थापित करें.फिर गंगाजल से छिड़काव कर शुद्धिकरण करें. इसके बाद माता के आगे दीपक जलाएं. हाथ जोड़कर फूल लेकर मां को प्रणाम करें और उनका ध्यान करें. इसके बाद उन्हें पीले रंग का फूल, कच्ची हल्दी की गांठ और शहद चढ़ाएं. धूप दीपक से मां की आरती उतारे, आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें..
माँ कात्यायनी को प्रिय है लाल रंग..
मां कात्यायनी का पसंदीदा रंग लाल है. माना जाता है कि शहद का भोग पाकर माँ बहुत प्रसन्न होती हैं और आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
मां कात्यायनी का मंत्र का जाप करे..
चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनि।