मोहर्रम पर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया गया, शांति व सादग के साथ मनाया गया पर्व, खिलाड़ियों ने दिखाया जौहर
चरचा। इस्लामिक साल के पहले महीने मोहर्रम में पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत का दिन एवं त्याग और बलिदान का पर्व मुस्लिम कौम के लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से मनाया। कोरिया जिला के चरचा कॉलरी में उर्दू तारीख़ के 10वीं के दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा दोपहर में दुआएं आशूरा, फातिहा किया और अमन चैन की दुआ मांगी गई। उसके बाद खिलाड़ियों ने मैदान में अपना करतब दिखाया। वहीं चरचा के इमामबाड़ा में इमाम हुसैन के चाहने वालों का हुजूम दिखाई दिया। इससे पहले दो साल कोरोना महामारी के कारण शहर में सम्पूर्ण रूप से मोहर्रम के मौके पर प्रोग्राम नहीं हो सका न ही खिलाड़ी मैदान में अपना जौहर दिखा सके थे।
चरचा कॉलरी में मुहर्रम के अवसर पर इमाम हुसैन के चाहने वालों ने पारंपरिक अस्त्र शस्त्र के साथ हैरतअंगेज करतब दिखाया। वही बड़ी संख्या में लोग खेल देखने पहुंचे और लोग खिलाड़ियों का हौसला अफजाई के लिए या अली या हुसैन के नारे लगाते दिखे। इस खास मौके पर छोटे-छोटे बच्चे भी युवाओं को पीछे छोड़ कर अपने हुनर का जलवा बिखेर कर लोगों को चकित कर दिया।
मोहर्रम पर्व के इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक और संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की, नगर पालिका शिवपुर चरचा अध्यक्ष लालमुनी यादव और एसईसीएल के पदाधिकारी भी शामिल हुए।
मुहर्रम कमेटी ने सभी महमानों को मंच पर स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।
इस दौरान विधायक अम्बिका सिंहदेव ने कहा कि यह कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा, दो साल बाद हम सब फिर से एक जगह मोहर्रम के मौके पर इकट्ठा हो सके इसके लिए ईश्वर का सभी शुक्रियाअदा करना चाहेंगे सभी लोग, हम सभी की खुशनसीब है कि हम सब लोग एक जगह पर हैं। उन्होंने कहा बहुत से ऐसे लोग हैं जो कोरोना काल के पहले हमारे बीच थे आज नही हैं।
इस मौके पर विधायिका वहां के आम लोगों से मिली और उनका हाल जाना, उन्होंने कहा लोगों से मिलना बहुत अच्छा लगता है। वहीं उन्होंने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि समाज और परिवार में जो उनकी अहम भूमिका है उसको जाने और उसे पूरी तरह से निभाए।
मोहर्रम कमेटी के शराफत अली और मो. अकरम ने बताया कि मोहर्रम को इस्लामी साल का पहला महीना माना गया है। जिसे हिजरी भी कहते हैं। यह त्यौहार त्याग और बलिदान का है। हिजरी सन की शुरुआत भी इसी महीने से होता है। मोहर्रम को इस्लाम की चार पवित्र महीनों में शामिल किया गया है। यह पर्व हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के शहादत की याद में हर साल मनाया जाता है।
मोहर्रम पर्व के खास मौके पर मैदान में करतब दिखाने वाले खिलाड़ियों के हौसला अफजाई के लिए उन्हें पुरस्कार वितरण किया गया। वहीं पढ़ाई और सामाजिक क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वालों को भी सम्मानित किया गया। जिसमें फैज अली को 12वीं कक्षा में जिले में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर,तलब कौसर को यूनिवर्सिटी टॉपर और शगुफ्ता अंजू को विधायक अम्बिका सिंहदेव के हाथों पुरुषकृत किया गया।