नई दिल्ली। पिछले साल के अंत में चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस संक्रमण ने 2-3 माह के भीतर ही पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया और 11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया। इस पूरे साल महामारी के संकट से जूझ रही दुनिया को केवल वैक्सीन से ही उम्मीदें हैं, हालांकि इससे निजात पाने के क्रम में दुनियाभर के तमाम देशों में रिसर्च जारी है। अभी के आंकड़ों के अनुसार, कई वैक्सीन विकसित हो चुके हैं और इनका ट्रायल भी अंतिम चरण में है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड-19 वैक्सीन को तैयार करने वाली तीन टीम से बातचीत करेंगे। शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट भी गए थे। साथ ही वे अहमदाबाद स्थित जाइडस बायोटेक पार्क व हैदराबाद में भारत बायोटेक फैसिलिटी का भी जायजा लिया और वैक्सीन के विकास व निर्माण प्रक्रिया की समीक्षा की।
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि हम मॉडर्ना वैक्सीन की 2 मिलियन डोज खरीद रहे हैं ताकि महामारी से जूझ रहे देश की तमाम जनता को यह आसानी से उपलब्ध हो सके।