दंतेवाड़ा में मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई, नेत्र सर्जन समेत तीन लोगों पर गिरी निलंबन की गाज

RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही के मामले में राज्य शासन ने कड़ी कार्रवाई की है। जिला चिकित्सालय की नेत्र सर्जन डॉ गीता नेताम को निलंबित कर दिया गया है। इनके साथ ही नेत्र सहायक अधिकारी और स्टाफ नर्स को भी निलंबित कर दिया गया है। सर्जरी के दौरान मरीजों की आंखों में संक्रमण आया था।
गौरतलब है कि दंतेवाड़ा में जिला अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। नेत्र सर्जन की लापरवाही के चलते दस मरीजों की आंखों में हमेशा के लिये अंधकार छा सकता था। दरअसल, मंगलवार को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 20 मरीजों का मोतियाबिंद आपरेशन किया गया। आपरेशन के अगले दिन दस मरीजों की आंखों में इंफेक्शन हो गया, आंखों में पस आना और खुजलाहट जैसी परेशानी होने लगी।
इस बात की जानकारी अस्पताल प्रबंधन ने उच्चाधिकारियों को नहीं दी, इस मामले की जानकारी जैसे ही सीएमएचओ को मिली, उन्होने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को इस बात से अवगत कराया। आनन फानन में दस मरीजों को रायपुर और जगदलपुर रिफर किया गया। बताया जाता है कि ओटी की दीवारों में फंगस था और जिन उपकरणों से सर्जरी की गयी वो भी उपयोग के लायक नहीं थे।
इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य से तीन सदस्यीय कमेटी गठित की। ये कमेटी आपेरशन थियेटर समेत दवाईयां आदि का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस दौरान जांच कमेटी ने माना कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा बड़ी लापरवाही की गयी है।
जिला अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद मरीजों के आंखों में फैले संक्रमण के बाद 10 मरीजों को रायपुर के अंबेडकर अस्पताल लाया गया है। सभी मरीजों से स्वास्थ मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने मुलाकात कर हालचाल जाना और डॉक्टरों से उनकी स्थिति और इलाज के बारे में विस्तृत चर्चा की है। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया था कि एक जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। देर शाम तक दोषियों पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी।