ऑपरेशन थंडर : दलाल के जरिए बुक कराई है रेल टिकट तो हो जाएगी कैंसल
जबलपुर. अगर आपने भी किसी दलाल के जरिए रेल टिकट बुक कराया है या कराने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए। कभी भी आपकी टिकट रद्द हो सकती है और न तो आपको इसका रिफंड मिलेगा और न ही आप यात्रा कर पाएंगे। क्योंकि देश भर में ऑपरेशन थंडर के तहत रेल दलालों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
13 जून को जबलपुर जोन सहित देश भर में 276 जगहों पर एक साथ छापामार कार्रवाई कर 397 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया गया था। इस कार्रवाई में 22 हजार ऐसे टिकट मिले हैं जो एजेंटों के तहत बुक किए गए थे। अब इन्हें रद्द करने के लिए आरपीएफ ने रेलवे बोर्ड से आग्रह किया है।
10 दिन में 3 करोड़ 12 लाख के टिकट
जबलपुर सहित देश भर 141 शहरों में आरपीएफ की छापेमारी में 22 हजार 253 टिकट बरामद हुए हैं। जिनकी कीमत 32 लाख 99 हजार 93 रुपए है। ऑपरेशन थंडर के तहत गिरफ्तार किए गए एजेंटों ने पिछले 10 दिनों में 3 करोड़ 12 लाख रुपए से ज्यादा कीमत के टिकट फर्जी तरह से बुक किए हैं जिन्हें रद्द किया जा सकता है। वहीं जबलपुर से पकड़े गए दो आरोपितों के पास से 849 टिकट बरामद हुई हैं जिनमे से 845 टिकट पर यात्रा हो चुकी है और 4 टिकटों पर यात्रा बाकी थी। जिन्हें रद्द करने के लिए भेज दिया गया है। पमरे जबलपुर जोन के कोटा में एजेंटों द्वारा सॉफ्टवेयर के जरिए तत्काल टिकट हैक करने की बात भी सामने आ रही है।
जबलपुर में दो साल में 21 मामले
रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) द्वारा जबलपुर में 2018-19 के दौरान अब तक 21 मामले फर्जी टिकट दलालों के आ चुके हैं। जिसमें अब तक लगभग 1 करोड़ 30 लाख रुपए के टिकट बरामद किए जा चुके हैं। इनमें से 12 मई 2018 को 12 लाख रुपए की टिकट और 21 मई 2018 को 3 लाख रुपए सहित इस वर्ष 3 अप्रैल और 13 जून की हुई आरपीएफ की कार्रवाई में टिकटों के बड़े दलाल पकड़े गए हैं। जिसमें 2018 में 21 व 2019 में अब तक 4 दलालों की गिरफ्तारी की गई। जिन्हें रेल अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रेलवे कोर्ट में पेश किया गया। इस कार्रवाई से टिकट दलालों में हड़कम्प की स्थिति बनी हुई है।
ऐसे होता है टिकटों का खेल
रेलवे की अधिकृत संस्था इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट की आईडी से आम यात्रियों के लिए एक महीने में 6 निजी टिकट बुक करने की छूट है जबकि टिकट का व्यवसाय करने वालों के लिए अधिकृत एजेंट की आईडी होती है जिसमें निर्धारित शुल्क अदा कर एजेंट अनगिनत टिकट बुक कर सकते हैं। लेकिन फर्जी तरीके से कई नामों से निजी आईडी बनाकर कम कीमत में टिकटें बुक करना रेल अधिनियम के तहत अपराध है। जो दलालों द्वारा किया जा रहा है।
इसमें यात्री से अधिक राशि वसूलकर टिकटें बनाई जा रही हैं। इसी तरह व्यवसाय करने वाले एजेंट की आईडी में तत्काल टिकट बुक करने का समय सुबह 10.30 बजे से शुरू होता है, जबकि निजी आईडी में यह समय 10 बजे से शुरू होता है। इसी समय दलालों द्वारा सॉफ्टवेयर के जरिए सैंकड़ों तत्काल टिकट मिनटों में बुक कर ली जाती हैं और महंगे दामों में बेचा जाता है। इसके कारण आम यात्रियों को उनकी आईआरसीटीसी आईडी और रेलवे के काउंटर से भी कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाता है। सभी सीटें फुल दिखाई देती हैं।