रायपुर। कवर्धा मामले को लेकर आज पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को न्यायिक जाँच के लिए ज्ञापन सौंपा। जिसमे पूर्व सीएम के साथ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, सांसद सुनील सोनी सहित तमाम बड़े नेता मौजूद रहे.
इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कबीर धाम की यथार्थ स्थिति को राज्यपाल से बताया गया, की शांति का टापू किस प्रकार राजनीतिक दबाव, प्रेशर और यहां से संचालित होने वाले f.i.r. की बदौलत विस्फोटक स्थिति में पहुंच गया है। आम आदमी 70-80 लोगों के खिलाफ ऐसे-ऐसे मामले दर्ज किए जा रहे हैं कि उनको गिरफ्तार करके उन पर दबाव डाला जाए। राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ,सांसद, पूर्व सांसद,विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। तो मुझे लगता है कि इस प्रकार की परिस्थिति यदि पैदा की जा रही है और एक समूह को प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है।
गांव-गांव में यदि स्थिति विस्फोटक होगी आज तो हम शांति से स्थान ढूंढना चाहते हैं मगर जिस प्रकार से प्रशासन का उपयोग राजनीतिक दृष्टि से किया जा रहा है. ये स्थिति को और खराब करना चाहते है। इसके साथ ही रमन सिंह ने कहा कि मैं भी कल कवर्धा जाऊंगा और जेल में जो हमारे बच्चे जिन्हें गिरफ्तार किया गया है उनसे भी मिलने का प्रयास करूंगा।
कवर्धा मामले में डॉ रमन सिंह ने कहां है कि जब तक जज के द्वारा ज्यूडिशरी इन्क्वायरी नहीं होगी, तब तक मामले का निराकरण नहीं होगा।
इसके साथ ही रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल के उत्तर प्रदेश जाने पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कर्फ्यू लगा है स्थिति विस्फोटक हो रही है और वहां जाकर एयरपोर्ट में हम आशा करते हैं वहां जाकर 50लाख की घोषणा करते हैं. मगर प्रदेश में पंडो जाति के लोग मारे जाते हैं इतनी बड़ी संख्या में आदिवासियों का सिलगेर की घटना होती है जहां 3 मारे गए इस मामले में कभी जांच की बात हुई, ना वहां कोई पैसा दिया गया। 500 किसान आत्महत्या कर लिए मगर 5 पैसे देने की जरूरत नहीं, कोरोना से प्रदेश में इतने सारे लोग मारे गए मगर सीएम उत्तर प्रदेश में 50लाख देने का घोषणा किये है।
रमन सिंह ने कहा छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का किसानों का होने वाली मौत का चिंता करें मुख्यमंत्री जी आपको उत्तर प्रदेश में नहीं छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ना है.