कबीरधाम: ऑनलाइन बिक्री दिखाकर सरकारी सामग्री की कालाबाजारी का मामला, ग्रामीणों ने सेल्समैन के खिलाफ कलेक्टर से की शिकायत..

कवर्धा- छत्तीसगढ़ में सरकार के द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर आवश्यक उपभोग की वस्तुएँ प्रदान करना है ताकि मूल्य वृद्धि के प्रभावों से उन्हें बचाया जा सके तथा नागरिकों में न्यूनतम पोषण की स्थिति को भी बनाए रखा जा सके।
छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित की जाने वाली वस्तुओं में सबसे महत्त्वपूर्ण चना , चावल, गेंहू, चीनी और मिट्टी का तेल हैं. लेकिन कबीरधाम जिला के आदिवासी -बैगा बहुल्यता बोड़ला विकासखंड के ग्राम पंचायत लूप में उचित मूल्य के दुकान के संचालन एजेंसी ग्राम पंचायत के द्वारा सितंबर-अक्टूबर दो माह से चना का बिना वितरण किए धोखाधड़ी कर ऑनलाइन बिक्री दिखाकर सरकारी सामग्री का कालाबाजारी किया है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर किया हैं ।
वितरण में हेरा फेरी…
उचित मूल्य की दुकान का संचालन का कार्य ग्रामपंचायत के द्वारा किया जाता हैं जिसमें गरीबो को उनके राशनकार्ड में कुछ अलग लिखकर दिया जाता है लेकिन ऑनलाइन पोर्टल में कुछ अलग ही लिखा रहता है। पूरे ग्राम पंचायत में विशेष बैगा-आदिवासी का बहुल्यता है ।जो संरक्षित जनजाति है । उनके लिए सरकार विशेष रूप से पांच रुपये किलो में चना वितरण किया जाता है ।
नियमो को ताक में रखते हैं विक्रेता..
छत्तीसगढ़ खड्य सुरक्षा अधिनियम के नियमो को उचित मूल्य की दुकान के सेल्समैन के द्वारा अपनी जेब मे लेकर चलते हैं उसका मुख्य वजह है उनके ऊपर कार्यवाही नही होता जिसका बेजा लाभ सरपंच-सचिव और सेल्समैन उठा रहा है ।
निरीक्षक की भूमिका संदिग्ध..
उचित मूल्य की नियमित जांच पड़ताल के लिए खाद्य निरीक्षक की नियुक्ति किया जाता है यहां पर भी है लेकिन यहां के खाद्य निरीक्षक घर बैठे कोरम पूर्ति करते हुए वही से अपने कार्यो का संचालन करते हैं। यदि नियमित निरीक्षण करते तो गरोबो को दो माह का चना मिल जाता।