वाशिंगटन। कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच बुधवार को जो बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन गए। देश के प्रधान न्यायाधीश जॉन राबर्ट्स ने उन्हें शपथ दिलाई। बाइडन ने अपने परिवार की 127 वर्ष पुरानी बाइबल पर हाथ रखकर शपथ ली। 78 वर्षीय बाइडेन अमेरिका के सबसे अधिक उम्र के राष्ट्रपति हैं। बाइडेन से पहले पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति चुनी गई भारतीय मूल की 56 वर्षीय कमला हैरिस को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश सोनिया सोटोमायोर ने शपथ दिलाई। वह अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति और पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं।
शपथ के बाद बतौर राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने पहले भाषण में कहा कि कुछ दिन पहले संसद पर हमला हुआ, हिंसा हुई, लेकिन अमेरिका उस घटना से आगे निकल आया है। यह लोकतंत्र की नई सुबह है। उन्होंने कहा कि अब असभ्य युद्ध का अंत हो।
हैरिस का शपथ ग्रहण इस लिहाज से ऐतिहासिक रहा कि उन्हें शपथ दिलाने वाली सोटोमायोर पहली लैटिन अमेरिकी न्यायाधीश हैं। सोटोमायोर का चयन हैरिस ने किया था। दोनों ने साथ में वकालत की है। खास बात यह है कि शपथ ग्रहण से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस छोड़कर चले गए। उनकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने सभी परंपराएं निभाई।
शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश व उनकी पत्नी लारा बुश, बराक ओबामा व उनकी पत्नी मिशेल ओबामा, बिल क्लिंटन और उनकी पत्नी हिलेरी क्लिंटन, रिपब्लिकन नेता मैककार्थी, मैक्कोनल और निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस मौजूद रहे। ट्रंप समारोह में शरीक नहीं हुए और इस तरह वह 1869 में एंड्रू जानसन के बाद अमेरिका के ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए जो अपने उत्तराधिकारी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।