आतंकवादियों से मुठभेड़ में जवान नरेंद्र को सिर पर लगी थी गोली,छह महीने तक कोमा में रहे, अब भी शरीर में हैं बारूद के कण, सीएम को सुनाई शौर्य की दास्तान
वो 12 अक्टूबर 2017 का दिन था। राजौरी- पुंछ में हमारी टुकड़ी गश्त पर निकली थी। पूरा इलाका पहाड़ी है। घात लगाकर छिपे आतंकवादियों ने अचानक हमला कर दिया। भारी गोली-बारी होने लगी। हमने तुरन्त जवाबी कार्यवाही की। एक आतकंवादी को मार गिराया। मगर आईईडी ब्लास्ट में अपने साथियों को खोया भी। मेरे सिर पर गोली लगी थी। सिर का एक हिस्सा ही अलग हो गया था। आप देख रहे हैं अभी भी मेरा सिर एक तरफ से दबा हुआ है। जब अपनी लड़खड़ाती आवाज़ में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से आए जवान नरेंद्र ने अपने शौर्य की दास्तां मुख्यमंत्री को सुनाई तो मुख्यमंत्री साय भावुक हो गए।
मुख्यमंत्री ने जवान नरेंद्र से कहा कि आपको एक लाख रुपये की त्वरित आर्थिक सहायता देंगे। आपने देश के लिए अपने जान की बाजी लगा दी। वीर जवानों के पराक्रम से हम सब सुरक्षित महसूस करते हैं। आपके शौर्य को नमन है। आपकी हरसंभव मदद करेंगे।
लगभग छह महीने कोमा में रहा, अब भी शरीर में हैं बारूद के कण
कल देर रात राज्य अतिथि गृह पहुना में कोरिया जिले के ग्राम गणेशपुर के रहने वाले और भारतीय थल सेना के जवान नरेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात की। मुख्यमंत्री को नरेन्द्र ने बताया कि सिर में गोली लगने के बाद मुझे जम्मू कमांड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। लगभग छह महीने तक मैं कोमा में रहा। होश आता जाता रहता था। याददाश्त चली गयी थी। हॉस्पिटल में मेरा परिवार एक हफ्ते तक रहा मगर मैं अपनी पत्नी तक को पहचान नहीं पाया। धीरे-धीरे हालत में सुधार हुआ। घटना के वक्त बारूद के कण शरीर के कई अंगों में घुस गए थे जो भी तक मेरे शरीर में हैं। सिर का आधा हिस्सा दब गया है। मेरी आवाज अब भी लड़खड़ाती है।
देशसेवा का ये जज़्बा सभी के लिए प्रेरक है
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवान नरेंद्र के जज़्बे की खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि आपका देशसेवा का ये जज़्बा सभी के लिए प्रेरक है। ये बहुत गर्व की बात है कि आप छत्तीसगढ़ से हैं। राज्य के युवाओं को आपसे प्रेरणा मिलेगी। इतने गम्भीर जख्मों के बावजूद आपने हिम्मत नहीं हारी। आपके परिवारजन भी प्रशंसा के पात्र हैं जिन्होंने आपके साथ इन तकलीफों को झेला है ।