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मैं वापस आऊंगा- आखिरी वादा भी पूरा नहीं कर पाए धौलपुर का भागीरथ, हुआ शहीद

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए. शहादत देने वाले जवानों के घर में मातम पसरा है. जिस घर ने बेटा खोया उसके साथ पूरा गांव, पूरा इलाका खड़ा है. कुछ ऐसा ही मातम पसरा है धौलपुर के जैतपुर में. जैतपुर ने इस हमले में अपने लाडले भागीरथ सिंह को खो दिया.

भागीरथ सिंह ने अपने पिता से किया आखिरी वादा भी पूरा नहीं कर पाए. दो दिन पहले ड्यूटी पर रवाना होने से पहले भागीरथ सिंह ने अपने पिता परशुराम से जल्दी ही घर वापस आने का वादा किया था, लेकिन अब वह कभी वापस नहीं आएंगे.

धौलपुर जिले के राजाखेडा उपखंड क्षेत्र के गांव जैतपुर के भागीरथ सिंह छह साल पहले केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में भर्ती हुए थे. करीब चार साल पहले रंजना देवी के साथ विवाह के बंधन में बंधे भागीरथ सिंह का तीन साल का एक बेटा विनय और डेढ साल की एक बेटी शिवांगी है.

शहीद भागीरथ की पत्नी रंजना का रो रोकर बुरा हाल है. उनके पिता परशुराम की आंखें पथरा सी गईं हैं. विनय और शिवांगी को तो यह अहसास भी नहीं है कि उनके सिर से पिता का साया उठ चुका है. सरपंच कपूर चंद गुर्जर बताते हैं कि भागीरथ को बचपन से ही बंदूक से खेलने का शौक था.

सरपंच के अनुसार भागीरथ की मां उनके बचपन में ही चल बसी थीं. पिता परशुराम ने ही दोनों भाइयों को पाल पोस कर बड़ा किया. भागीरथ सिंह का छोटा भाई बलवीर सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही है. दो दिन पहले ही ड्यूटी पर रवाना होने से पहले भागीरथ सिंह ने अपने पिता के साथ बातचीत में जल्द ही वापस आने की बात कही थी. भागीरथ की शहादत पर पूरा जैतपुर गम में है.

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