
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार एक हिंदू लड़की ने अपने कैरियर में इतने बड़े प्रशासनिक पद पर सफलता हासिल की है कि जगह-जगह उनके ही चर्चे हो रहे हैं हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान में रह रही हिंदू लड़की डॉक्टर सना रामचंद्र गुलवानी की जिन्होंने पहले ही प्रयास में सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज की परीक्षा में सफलता हासिल की है ।
आपको बता दें कि सना ने सिंध प्रांत की रूरल सीट से इस परीक्षा में हिस्सा लिया था यह सीट पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस सेट के अंतर्गत आती है. सना ने पांच साल पहले शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ मेडिसिन में ग्रेजुएशन किया था. इसके बाद ही वो सर्जन भी हैं. यूरोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद वह सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेस की तैयारी में जुट गईं थीं. सना शिकारपुर के सरकारी स्कूल में पढ़ी हैं
“सना गुलवानी का कहना है की यह मेरा पहला प्रयास था और मैं जो चाहती थी वह मैंने हासिल कर लिया है सना ने कहा मैंने पैरंट्स और अपना सपना पूरा कर लिया है मैं डॉक्टर होने के साथ-साथ एडमिनिस्ट्रेशन का भी हिस्सा बनने जा रही हूं।”
वहीं सना के परिवार वाले इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं। सना के मुताबिक, उनके पैरेंट्स नहीं चाहते थे कि वो एडमिनिस्ट्रेशन में जाएं. क्योंकि पैरेंट्स का सपना उन्हें मेडिकल फील्ड में देखने का था. ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान (Pakistan) का यह एग्जाम कितना मुश्किल होता है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 2% से भी कम कैंडिडेट्स कामयाबी हासिल कर पाए हैं. सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेस (CSS) के जरिये पाकिस्तान में प्रशासनिक सेवाओं में नियुक्तियां होती हैं.सीधे शब्दों में कहें तो ये भारत के सिविल सर्विसेस एग्जाम की तरह है.