छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल सोमवार को बिलासपुर के दौरे पर थे। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में निरीक्षण के दौरान उनको कई गड़बड़ियां मिली। जिसके बाद उन्होंने भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप में सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे और अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुजीत नायक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बता दे की स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल सिम्स की स्वशासी परिषद् की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और स्वशासी समिति के अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने सख्त तेवर दिखाए। उन्होंने कहा की आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। इसमें आड़े आने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने उदारतापूर्वक सिम्स को बेहतर बनाने और उपकरणों के लिए 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी दी। बैठक में स्वशासी खाते से कॉलेज के हिसाब किताब का ऑडिट करने के लिए डेढ़ लाख रुपए के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया सिम्स परिसर में विद्युत सब स्टेशन के एक नवीन एलटी पैनल स्थापित करने के लिए 42 लाख दिया गया। मेडिकल कॉलेज भवन के लिए एक डीजी सेट खरीदने की अनुमति भी दी गई। डीन और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के लिए नए वाहन प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया। मेडिकल छात्रों के आने-जाने के लिए एक 52 सीटर बस करें करने की वित्तीय एवं प्रशासकीय मंजूरी दी गई। चिकित्सा कॉलेज में हिंदी मीडियम की पुस्तक खरीदने के लिए भी ₹5 लाख दिया गया। सिम्स छात्रावास में बेड खरीदने के लिए 14 लाख रुपए की राशि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
वही मिडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसी तरह आयुष्मान योजना से प्राप्त आवक-जावक का भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है और इस पूरे मामले में भारी वित्तीय अनियमितता की आशंका है। मंत्री ने कहा कि इसलिए स्वशासी परिषद की बैठक में विगत तीन साल की खरीदी और आयुष्मान मामले की जांच कराने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कराना डीन डॉक्टर केके सहारे और अधीक्षक डॉक्टर एसके नायक के रहते संभव नहीं थी। इसलिए शासन के नियमों के अनुसार उन्हें निलंबित करने तथा सिम्स में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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