गुजरात के ट्रांसपोर्टर का छत्तीसगढ़ में अपहरण, मर्डर कर ओडिशा में फेंका शव, पश्चिम बंगाल से आरोपी गिरफ्तार
बिलासपुर। गुजरात के एक ट्रांसपोर्टर को बिलासपुर से अगवा करने के बाद उसकी हत्या कर शव को ओडिशा में राउरकेला और झारसुगड़ा के बीच फेंक दिया गया। मामले में पुलिस ने आरोपी ट्रक ड्राइवर को पश्चिम बंगाल के मालदा से गिरफ्तार कर लिया और शव को भी शुक्रवार सुबह बरामद कर लिया गया है। फिलहाल पुलिस आरोपी ट्रक ड्राइवर को मौके पर लेकर रवाना हो गई है।
जानकारी के मुताबिक, गुजरात में कच्छ के गडसिला निवासी अब्दुल रजाक ट्रांसपोर्टर हैं। वह पिछले दो-ढाई महीने से बिलासपुर के सिरगिट्टी स्थित गिरनार लॉजिस्टिक में कपड़े लेकर आ रहे थे। उनके साथ बेटा मो. अकरम (22) भी ट्रांसपोर्टिंग करता है। अकरम 8 अप्रैल को ट्रक लेकर माल खाली करने बिलासपुर आया था। यहां दोपहर 3 बजे वह पहुंचा और शाम 5 बजे तक ट्रक खाली किया। इसके बाद पिता अब्दुल ने उसे रात रास्ते में पेट्रोल पंप में रुक कर रात बिताने की बात कही और सुबह भाटापारा जाने के लिए बोला था।
अगले दिन 9 अप्रैल की सुबह करीब 6 बजे जब उन्होंने अकरम के मोबाइल पर कॉल किया तो वह स्विच ऑफ था। इसके बाद से लगातार बेटे से संपर्क करने का प्रयास करते रहे, लेकिन नहीं हो सका। इस पर उन्होंने अपने भाई और परिजन को इस घटना की जानकारी दी। फिर सभी अगले दिन 10 अप्रैल को बिलासपुर पहुंचे। इससे पहले ही रास्ते में उनके मोबाइल पर अलग-अलग जगह व दूसरे राज्य की लोकेशन पर फास्टैग से रुपए कटने का मैसेज आया। इस पर उन्हें अपहरण की आशंका हुई और पुलिस में शिकायत की।
ट्रांसपोर्टर अब्दुल रज्जाक के मोबाइल पर आए मैसेज से पता चला कि ट्रक पहले भाटापारा के मोहदा में था, लेकिन फिर रायगढ़ की ओर नेशनल हाईवे से होता हुआ ओडिशा के टोल को क्रॉस करता पश्चिम बंगाल पहुंच गया है। इसके बाद पुलिस की अलग-अलग टीमों को लोकेशन के आधार पर सर्चिंग के लिए भेजा गया। पश्चिम बंगाल पुलिस से भी संपर्क किया। इसके बाद बुधवार को पश्चिम बंगाल की मालदा पुलिस ने ड्राइवर को पकड़ लिया। नाकाबंदी देख आरोपी ड्राइवर ट्रक को लॉक कर भागने की फिराक में था।
मालदा पुलिस की पूछताछ में रायपुर निवासी आरोपी ड्राइवर पप्पू सरदार उर्फ सुरजीत सिंह ने मो. अकरम की हत्या कर राउरकेला और झारसुगड़ा के बीच जंगल में फेंकने की जानकारी दी थी। वह पुलिस को गोलमोल जवाब भी दे रहा है। यही वजह है कि पुलिस पहले उसकी बातों पर भरोसा नहीं कर रही थी। हालांकि बयान की तसल्ली के लिए ओडिशा पुलिस को भेजा गया, जिसके बाद शव बरामद हो गया है। अब पुलिस आरोपी ड्राइवर को लेकर जा रही है।
ट्रांसपोर्टर के पिता अब्दुल रजाक ने बताया कि दो माह पहले ही आरोपी ड्राइवर उन्हें बिलासपुर में मिला था और मदद मांगी थी। उसका ड्राइविंग लाइसेंस देखकर काम पर रख लिया था। क्या पता था कि जिसकी मदद वह कर रहा है वह इस तरह से दगाबाजी करेगा। अब्दुल ने बिलासपुर नगर निगम के सभापति शेख नजीरुद्दीन से मदद मांगी, तब उन्हें लेकर वे SP पारुल माथुर के पास पहुंचे। उन्होंने चकरभाठा थाने में गुम इंसान दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही जानकारी जुटाकर तलाश शुरू की।