नई दिल्ली। मोदी मंत्रिमंडल ने मंगलवार को बैनिंग अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम्स बिल-2018 को अध्यादेश के माध्यम से लागू किए जाने के निर्णय को मंजूरी दे दी। गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसे लागू भी कर दिया गया। इस विधेयक का मकसद निवेशकों को पोंजी योजनाओं से बचाना है। जानिए, मोदी सरकार के इस कदम से क्या होंगे फायदे…
कालेधन पर बड़ा वार : मोदी सरकार के इस कदम को कालेधन पर बड़ा हमला माना जा रहा है। अब कोई भी व्यक्ति कालेधन को एक नंबर में बदलकर बाजार में नहीं चला सकेगा।
गैरकानूनी डिपॉजिट स्कीमों पर शिकंजा : कई राज्यों में आरबीआई और सेबी की अनुमति के बिना कई योजनाएं चल रही हैं। उन पर शिकंजा कसने के लिए यह बिल लाया गया है। इसमें कम ब्याज पर पैसा लेकर ज्यादा ब्याज पर दिया जाता है।
निवेशक नहीं होंगे ठगी के शिकार : कायदे-कानून का पालन किए बिना संचालित डिपॉजिट स्कीम्स के जरिए भोलेभाले निवेशकों से ठगी पर रोक लगेगी। साथ ही ठगी के शिकार निवेशकों को मुआवजा देने का भी प्रावधान है।
फर्जी लेनदेन पर शिकंजा : इस अध्यादेश के लागू होने के बाद से फर्जी लेनदेन आसान नहीं रहेगा। अब आप बैंक और रिश्तेदारों के अलावा किसी से पैसा उधार नहीं ले सकेंगे। फर्म की स्थिति में पार्टनरों के अलावा किसी से भी पैसा उधार नहीं लिया जा सकेगा।
धोखेबाजों को 7 साल तक की सजा का प्रावधान : अगर कोई संस्था रेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम में मियाद पूरी होने पर धोखा कर पैसा वापस नहीं चुकाए तो उसके लिए 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। जमाकर्ताओं के पैसे जुटाने के लिए संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान है।