
जशपुर जिले के अंतर्गत बग़ीचा विकासखण्ड में किस तरह की हो रही खेल आइए जानते हैं जो शासकीय कर्मचारी हो या दबंग उसी का है जलवा क्यों न ओ नियम तोड़ दे मगर कहने वाला कोई नहीं,एक कहावत है जिसकी भैंस उसकी ही लाठी,
आपको बता दें कि ऐसा ही एक मामला सरधापाठ के पकरिटोली का है। जहां एक शासकीय कर्मचारी शिक्षक गौतम यादव के द्वारा बेधड़क गौठान में अबैध कब्जा किया गया है। मकान बनाकर और भी ओ कब्जा धीरे धीरे बढ़ता ही चला जा रहा है। लेकिन उसे बोलने वाले कोई नहीं वहीं जब गांव के कुछ गरीब ग्रामीण पालतू पशुओं को बांधने के लिए कोशिस करने लगे तो वह शिक्षक गौतम यादव ने गरीबों पर धौस जमाने लगा। विरोध करने लगा और तो और संबंधित अधिकारी से साठगांठ कर रोक लगा दिया गया.
उन्हें जब की वह स्थान गौठान है,पालतू जानवरों के लिए वह स्थान बचाया गया है,और वहीं शिक्षक के द्वारा मकान बनाकर सब्जियों का खेती किया जा रहा है,सच तो यह है कि पहुँच है तो सब कुछ है पहुँच नई है तो कुछ भी नामुकिन नहीं है,आखिरकार शासकीय जमीन पर केवल शासकीय कर्मचारी ही कब्जा कर सकते हैं। क्या आम जनता की कोई हक नहीं आखिर नियम तो सब के लिए एक है,फिर शिक्षक पर क्यूँ नई होती कोई करवाई और आम जनता के लिए नियम और कानून का धौंस बनाया गया है।
वहीं आम जनता का कहना है कि शिक्षक गौतम यादव का 3 जगहों पर भूमि है तब भी गौठान में अबैध कब्जा कर मकान बनाके सब्जियों का खेती की जा रही है और जब हम लोग पालतू जानवरों के लिए खम्भा लगाए थे उसे तहसीलदार बुलाकर हटवाया गया बस हमारे लिए भर कानून है क्या जब नियम है तो सबके लिए बने कब्जा करे तो सब करे या तो कोई नहीं जब हम आम जनता नई बना सकते तो शिक्षक गौतम यादव को भी हटाया जाए कोई वहां पर नई रह सकता अगर शिक्षक पर भी करवाई होना था,लेकिन कोई करवाई नही हुई,
जब पूरे मामले पर तहसीलदार सुनील गुप्ता ने बताया की जांच कर दोशियों पर करवाई करने की बात कही गई है.