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बेजुबानों की सेवा का भी हम सबको रखना होगा ध्यान : राजेश्री महन्त

श्रीदूधाधारी मठ पीठाधीश्वर राजेश्री डॉक्टर महन्त रामसुन्दर दास  महाराज ने की अवाम से अपील

रायपुर।  मनुष्यों की सेवा के साथ-साथ बेजुबान पशु पक्षियों  (Birds and Animals)  की सेवा (Service )  का भी ध्यान रखें। शनिवार को ये बातें श्रीदूधाधारी मठ पीठाधीश्वर राजेश्री डॉक्टर महन्त रामसुन्दर दास  महाराज ने कही। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस (corona virus )  संक्रमण के प्राकृतिक आपदा के चलते न केवल भारतवर्ष ( India)  को बल्कि विश्व के अधिकांश देशों को इस समय लाक डाउन ( lock down) का सामना करना पड़ रहा है,।इसका प्रभाव न केवल मनुष्यों पर अपितु असंख्य बेजुबान पशु पक्षियों पर भी पड़ा है।

बहुत बडा है संकट

उन्होंने कहा कि संकट बहुत बड़ा है इसलिए इसका असर भी व्यापक हुआ है । इससे केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि अनेक जीव जंतु भी प्रभावित हुए हैं।  हम सभी का कर्तव्य है कि प्राकृतिक विपदा से घिरे हुए मनुष्यों की सेवा के साथ-साथ बेजुबान पशु पक्षियों की सेवा का भी ध्यान रखें। इसके लिए हमें अपने छोटे-छोटे कार्यों पर ध्यान देना होगा।  इससे कि उन्हें भी जीवन प्रदान किया जा सके।

फलों के छिलके अन्न दें जानवरों को

विशेषकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों में विचरण करने वाले पशु समस्या ग्रस्त हैं। आजकल कचरा गाड़ी प्रायः प्रत्येक दरवाजे पर आती है जिसमें लोग अपने-अपने घरों के कचरे निकाल कर दे देते हैं। इससे उपयोग में लाए जाने वाला खाद्य सामग्री भी चला जाता है इसलिए हमें याद रखना होगा कि अपने घरों में बचे हुए फल, फूल, शाक सब्जी के छिलके एवं बचे हुए अन्न, दाल, रोटी ,आदि गलियों में घूमने वाले पशु पक्षियों को प्रदान करें । ध्यान रहे आपके घरों में बचे हुए अत्यल्प अर्थात केवल 10 ग्राम आटे से भी सैकड़ों चीटियों को पोषण आहार प्राप्त हो सकता है। भीषण गर्मी प्रारंभ होने जा रहा है ग्रीष्म ऋतु में सबसे ज्यादा किल्लत जल की होती है अपने -अपने घरों के सामने या छत के ऊपर किसी पात्र में जल की व्यवस्था नियमित रूप से करें । इससे अनेक जीव जंतुओं को जल की प्राप्ति होगी ।

कालिख से बनती है स्याही

याद रखिए धुआँ से कारिख बनता है लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति उसी से मसि का निर्माण करके वेद पुराण लिख लिया करते हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने रामचरितमानस ने लिखा है “धूम कुसंगति कारिख होई, लिखिय पुराण मंजू मसि सोई” हम सबको भी अपने- अपने कार्यों को सकारात्मक सोच की ओर अग्रसर करना है,जिससे हम अपने राज्य एवं देश की समग्र सेवा हम कर सकें।

 

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