
रोमी सिद्दीकी/अम्बिकापुर। जिला प्रशासन की नाक के नीचे राजनीतिक रसूख के बल पर ग्राम श्रीगढ़ में शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा धड़ल्ले से चल रहा है। भू माफिया पहाड़ों को काटकर जमीन का विस्तार करने में लगे हुए है। इसके बावजूद जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे मानो बैठी हुई है। शासकीय पहाड़ तो यह माफिया काट रहे हैं. इसके साथ ही ये हरे-भरे पेड़ों को भी काटने से परहेज़ नहीं कर रहे हैं।
महामाया मंदिर से लगे पहाड़ पर अवैध कब्जा को लेकर पिछले दिनों जिस प्रकार से राजनीतिक दलों में हाय तोबा मचा हुआ था. इसके बाद जिला प्रशासन भी एक एक्शन मूड में दिखाई पड़ा लेकिन राजनीतिक धून्ध हटते ही एक बार फिर से पहाड़ों की कटाई शुरू हो गई है। दरअसल पहाड़ पर कब्जा गरीबों के नाम पर भू माफिया कर रहे हैं हम बात कर रहे हैं. ग्राम पंचायत श्रीगढ़ के पटेल पारा की जहा राजनीतिक रसूख के बल पर एक भूमाफिया पट्टे की जमीन के आड़ पर प्राचीन पहाड़ों की कटाई पिछले एक सप्ताह से दिन-रात कर रहा है. लेकिन प्रशासन में जबरदस्त पहुंच होने के कारण इसे रोकने वाला कोई नहीं है। भू माफिया के द्वारा पोकलेन मशीन से बकायदा पहाड़ को काटा जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो भू माफिया के द्वारा लगभग एक दर्जन से ज्यादा बड़े-बड़े पेड़ काटे जा चुके हैं. वही भू माफिया के गुंडों के द्वारा पूरा पहाड़ को कट जाने की धमकी लगातार दिए जाने से कोई भी ग्रामीण कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो भू माफिया की पहुंच सत्ता पक्ष के एक मंत्री से काफी करीबी है जिसका फायदा हो उठा रहा है।
नहीं हुआं है जमीन का नपाई, अपने से आंकलन कर लिया है भू माफिया
इस बारे में श्रीगढ के पटवारी राकेश साहू से पूछने पर उन्होंने बताया कि पटेल पारा स्थित पहाड़ों की कटाई की जा रही है वह अवैध है। वे कभी उस भूमि पर नपाई करने नहीं गए हैं। वे कई बार मौखिक तौर पर पहाड़ काटने वालों को मना कर चुके हैं लेकिन वे नहीं मान रहे हैं. इसकी सूचना भी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को देंगे।
पुरे पहाड़ पर कब्जा करने हेतु गाड़ा गया सीमेंट पोल
मौके पर यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस प्रकार से राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर भू माफियाओं के द्वारा पूरे पहाड़ में सीमेंट पोल गाड़ा कर कब्जा बताया जा रहा है. यही नहीं इस कब्जे का परिधि में आने वाले पूरे पेड़ भी उनके हैं। ऐसा ऐलान कर चुके हैं जिसके कारण कोई भी ग्रामीण उनके सीमा के अंदर प्रवेश करने के लिए सौ बार सोच रहे है।