
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य मंत्रालय ने की है। 31 साल के इस मरीज को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि संक्रमित व्यक्ति का कोई यात्रा इतिहास नहीं है। शख्स को बुखार और त्वचा के घावों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिल्ली में एक केस मिलने के बाद अब तक देश में मंकीपॉक्स के चार मामले दर्ज किए जा चुके हैं। तीन मामले दक्षिण राज्य केरल में दर्ज किए गए हैं।
लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने कहा शख्स को बुखार और त्वचा के घावों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, मरीज स्थिर है। संयुक्त अरब अमीरात के एक यात्री के केरल लौटने के बाद 14 जुलाई को भारत में मंकीपॉक्स वायरस का पहला मामला सामने आया था, उन्हें तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
70 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना असाधारण हालात- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रसार होना एक असाधारण हालात है जो अब वैश्विक आपात स्थिति है। डब्ल्यूएचओ की यह घोषणा इस रोग के उपचार के लिए निवेश में तेजी ला सकती है और इसने इस रोग का टीका विकसित करने की जरूरत को रेखांकित किया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ए. घेब्रेयसस ने वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी कमेटी के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद यह घोषणा की। यह पहला मौका है जब डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने इस तरह की कार्रवाई की है।
टेड्रोस ने कहा, संक्षेप में, हम एक ऐसी महामारी का सामना कर रहे हैं जो संचरण के नये माध्यमों के जरिये तेजी से दुनिया भर में फैल गई है और इस रोग के बारे में हमारे पास काफी कम जानकारी है और यह अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमन की अर्हता को पूरा करता है। उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि यह कोई आसान या सीधी प्रक्रिया नहीं रही है और इसलिए समिति के सदस्यों के भिन्न-भिन्न विचार हैं। हालांकि, मंकीपॉक्स मध्य और पश्चिम अफ्रीका के कई हिस्सों में दशकों से मौजूद है लेकिन अफ्रीका महाद्वीप के बाहर इतने व्यापक स्तर पर इसका प्रकोप पहले कभी नहीं रहा था और मई तक लोगों के बीच इसका व्यापक प्रसार भी नहीं हुआ था।
इस रोग को वैश्विक आपात स्थिति घोषित करने का यह मतलब है कि मंकीपॉक्स का प्रकोप एक असाधारण घटना है और यह रोग कई अन्य देशों में भी फैल सकता है तथा एक समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की जरूरत है। इससे पहले, डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19,इबोला, जीका वायरस के लिए आपात स्थिति की घोषणा की थी।