कबीरधाम। छत्तीसगढ़ी राजभाषा में आज तक शायद ही आपने एफआईआर (FIR) रिपोर्ट देखी या उसके बारे में सुनी होगी। लेकिन यह पहली किसी मामले का रिपोर्ट सामने आया है जो छत्तीसगढ़ी में लिखा गया हो. राजभाषा में यह रिपोर्ट संभवत: पहली बार छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा थाने में दर्ज हुआ है। जिसमें शिकायत करता रामकुमार साहू जो पेशे से किसान है, उसने घर से जेवरात व मोबाइल चोरी होने की शिकायत दर्ज कराइ है।
जब वह किसान इस मामले कि शिकायत करने पहुंचा तो उसे हिन्दी नहीं आती थी तो उसने छत्तीसगढ़ी में ही घटनाक्रम की जानकारी दी। इस पर पुलिस ने भी छत्तीसगढ़ी में ही दर्ज की।
शिकायतकर्ता ने इस तरह से छतीसगढ़ी में लिखा है आवेदन-
“मे ह ग्राम पीपरटोला बडे मे रहिथव अउ खेती बाडी के काम करथव, काली तारीख 14/11/21 के रात कन 08/00 बजे हमन खाना खा पी के घर मे सो गे रेहेन मेहा अउ मोर बाई, अउ मोर छोटे लडका भोलाराम एक कुरिया मे सो रहेन बडे लडका नोहर लाल अउ बहु रामकली दोनेा झन अलग कुरिया मे सो रहिस, रात के बेरी करीबन 12/00 बजे बहु रामकली उठिस, त देखिस कमरा मे रखे गोदरेज के भीतर मे रखे कपडा लत्ता भुईया मे पढे रहिस तब बेटा नोहर मोला अउ मोर बाई ला उठईस तब हमन ओखर कुरिया मे जाके देखेन अउ आलमारी ल चेक करेन त आलमारी मे रखाय एक जोडी चांदी के चुडा 05 तोला, कीमती 2000 रूपये एक सोना के लाकेट कीमती 10000 रूपये ह नई रहिस अउ चार्ज मे लगे मोबाइल ओप्पो कंपनी के जेमा सीम नंबर जीओ कंपनी 9301074690 लगे हवय कीमती 5000 रूपये नई रहिस कोनो चोर ह रात कन घर के परदा ले कुदके घर के कुरिया भितरी आके चोरी कर ले गे हवय बिहनिहीया ले काम करे बर गे रहेव अभी खेत ले आके रिपोट्र करे बर आये हव अपन समान ल देख के चिंह डारहु रिर्पोर्ट मै जइसन बताये हव वैसन लिखे हे कारवाही करे जाय।”
नियम कहता है कि प्रार्थी जिस तरह से रिपोर्ट दर्ज कराए। वैसे ही लिखी जाती है। इसलिए छत्तीसगढ़ी में ही रिपोर्ट लिखी गई। मामले में पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 380, 457 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.