रोमी सिद्दीकी/अम्बिकापुर। आदिवासी बाहुल्य सरगुजा जिले में खाद की समस्या को लेकर यहां की किसान खासे परेशान नजर आ रहे हैं। खाद लेट से आने के बाद भी अब समय पर खाद नहीं मिलने के कारण किसानों के माथे में चिन्ता की लकिर देखी जा सकती है। वही खेती किसानी कार्य में एक ही प्रकार के खाद मिलने से भी उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है सरकारी एजेंसियां लाख दावे करें की खाद की कमी जिले में नहीं है लेकिन वास्तविकता के धरातल में स्थिति कुछ और है।
बहरहाल, प्रदेश के खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के गृह जिले में खाद की समस्या से आम किसानों को निजात मिलना फिलहाल तो संभव नहीं है। खाद की रेक जिले में पहुंचने के बावजूद अब भी किसानों के पहुंच से खाद दूर नजर आ रही है। जिसके कारण सरकारी खाद्य दुकानों में किसान खाद लेने के लिए सुबह से शाम तक लाइन लगाए बैठे हुए है। वहीं किसानों की माने तो खाद दुकान में केवल रासायनिक खाद यूरिया ही उन्हें प्राप्त हो रहा है जबकि डीएटी खाद अभी भी उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण किसानों को धान को रोपा लगाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है और असर फसल के पैदावार में भी पड़ सकता है।
इस बारे में शासकीय खाद दुकान के मैनेजर का कहना है कि पहली बार खाद का रेक लगने के बाद उन्हें खाद प्राप्त हुआ है। जिसके कारण किसानों की भीड़ का दुकान में उड़ी है। उन्होंने बताया कि केवल उनके पास यूरिया खाद है जबकि डीएटी खाद प्राप्त नहीं हुआ है। किसान डीपीडी की मांग कर रहे हैं लेकिन हमारे पास नहीं होने कारण हम क्या कर सकते हैं।