चंडीगढ़: अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसानों ने अब सरकार से आर-पार का मूड कर लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा समेत 26 किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने के ऐलान के बाद अब 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान कर दिया है। उधर, हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। पंजाब और हरियाणा सीमा पूरी तरह से सील कर दी गई हैं। साथ ही ज्यादा से ज्यादा तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
पंजाब के किसानों ने ऐलान किया है कि 10 हजार ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में दाखिल होंगे। इसके लिए शंभू बॉर्डर, डबवाली और खनौरी बॉर्डर को चुना गया है। इन तीनों बॉर्डर को सील कर दिया गया है। यहां इतनी ज्यादा तादाद में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। पुलिस के साथ पंजाब हरियाणा सीमा पर बीएसएफ और आरएएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है।
वहीं, पंजाब के किसानों को हरियाणा के रास्ते दिल्ली जाने से रोकने के लिए अंबाला में धारा-144 लागू कर दी गई है। पंजाब और हरियाणा के बीच बने शंभू बॉर्डर को सीमेंट की बैरिकेडिंग और कंटीली तारें लगाकर पूरी तरह सील कर दिया गया है। प्रशासन ने घग्गर नदी के ऊपर बने ब्रिज को भी बंद कर दिया है। बहादुरगढ़ में पांच लेयर की सुरक्षा के इंतजाम किये हैं। टीकरी बॉर्डर पर कंटीले तार और सिमेंटिड बैरिकेड लगाए गए हैं।
पटियाला से अंबाला आने-जाने वाली रोड का रूट डायवर्ट कर दिया गया है। सोनीपत, झज्जर, पंचकूला के बाद कैथल में भी धारा-144 लगा दी गई है। पंजाब से चंडीगढ़ होते हुए किसान पंचकूला के रास्ते भी दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में एंट्री कर सकते हैं।
हरियाणा पुलिस ने ट्रैफिक एडवायजरी भी जारी की है। इस में लोगों को पंजाब जाने से बचने की सलाह दी गई है। स्थिति बिगड़ी तो अंबाला-चंडीगढ़ नैशनल हाइवे-152, अंबाला-हिसार नैशनल हाइवे-65, पानीपत-जालंधर नैशनल हाइवे-44 और अंबाला-काला अंब नैशनल हाइवे-344 को भी बंद किया जा सकता है। ऐसे में लोगों की दिक्कत बढ़ जायेगी। हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया है। बल्क में एसएमएस भेजने को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
किसानों और केंद्र सरकार के बीच दूसरे दौर की बैठक चंडीगढ़ में 12 फरवरी को शाम पांच बजे सेक्टर 26 महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में होगी। बैठक में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि आठ फरवरी को किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की एक दौर की बैठक हो चुकी है। उस दौरान बैठक में केंद्रीय मंत्रियों ने कहा था कि किसान संगठनों की ओर से जो मांगें दी गई हैं कि उन पर विचार करने के लिए 13 से पहले वह एक और बैठक करेंगे।
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