बलात्कार पीड़िता को गर्भपात कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अवकाश के दिन स्पेशल की सुनवाई, कल तक मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज बलात्कार की वजह से गर्भवती हुई पीड़िता को गर्भपात कराने की इजाजत की अर्जी पर सुनवाई की। मामले को लेकर जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सुनवाई की।
25 साल की बलात्कार पीड़िता को गुजरात हाईकोर्ट ने गर्भ गिराने की अनुमति नहीं दी तो पीड़िता ने अपनी मां के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। यही वजह है कि कोर्ट में अवकाश के दिन स्पेशल सुनवाई हुई है। जब सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट ने अर्जी देखी और पूछा कि 11 अगस्त को गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बाद से क्या हुआ? पीड़िता के वकील ने कहा कि चार अगस्त को गर्भ का पता चला और सात अगस्त को अर्जी लगाई। इसके बाद हाईकोर्ट ने बोर्ड बनाया 11 अगस्त को रिपोर्ट आई। बोर्ड हमारी दलील के समर्थन में था।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार, भरूच मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट सहित सभी पक्षकारों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि हर दिन अनमोल था। 11 अगस्त को ही रिपोर्ट आ गई थी लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। 17 अगस्त को याचिका बिना कोई कारण बताए खारिज कर दी गई। अब तक आदेश अपलोड नहीं किया गया है। सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया कि गुजरात हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से इस मामले में तहकीकात करें।
गुजरात सरकार की वकील स्वाति घिल्डियाल से कोर्ट ने पूछा कि आखिर इतने संवेदनशील मामले में इतने दिन कैसे खराब हुए। हमें खेद है कि हमें ऐसी टिप्पणी करनी पड़ रही है। पीड़िता के वकील ने कहा कि गर्भावस्था के 25वें हफ्ते में कोर्ट गए थे। लेकिन एक के बाद एक दिन निकल गए. सोमवार के बाद 28 वां हफ्ता शुरू हो जाएगा। पीड़िता के वकील ने कहा कि आज मेडिकल जांच कराई जाए। कल शाम 6 बजे तक कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को पहले मुकदमे के तौर पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमारे आदेश की प्रति सभी पक्षकारों को मुहैया करा दी जाए।